

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
नदिया (पश्चिम बंगाल): रानाघाट जिला पुलिस (RPD) के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने साइबर धोखाधड़ी के ख़िलाफ़ अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस टीम ने बुधवार रात को एक हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड मामले में दो मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों के सिम कार्ड को धोखे से ई-सिम में बदलकर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ाते थे।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान शाहरुख गाजी (दक्षिण 24 परगना निवासी) और मनतोष बिस्वास (दक्षिण 24 परगना निवासी) के रूप में हुई है। ये दोनों आरोपी पिछले जुलाई में रानाघाट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज एक विशिष्ट धोखाधड़ी के मामले में शामिल थे।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के अनुसार, पीड़ित को अज्ञात नंबरों से लगातार संदेश प्राप्त हो रहे थे। इन संदेशों में उन्हें यह कहकर डराया जाता था कि उनके मोबाइल सिम कार्ड को तुरंत ई-सिम (e-SIM) में बदलना आवश्यक है, अन्यथा उनकी मोबाइल सेवा अस्थायी या स्थायी रूप से बंद कर दी जाएगी। फ्रॉड की इस चाल को न समझ पाने के कारण, पीड़ित ने संदेश में दिए गए एक लिंक पर क्लिक कर दिया। लिंक पर क्लिक करते ही उनका मोबाइल नंबर अनजाने में ई-सिम में बदल गया, जिससे फ्रॉड करने वालों को उनके नंबर का एक्सेस मिल गया। इसके तुरंत बाद, पीड़ित के दो अलग-अलग बैंक खातों से बड़ी राशि गायब हो गई। पीड़ित ने तुरंत रानाघाट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।
साइबर क्राइम पीएस की टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तेज़ी से कार्रवाई की और दोनों अभियुक्तों को दबोच लिया। गिरफ्तारी के दौरान, पुलिस ने अभियुक्तों के पास से बड़े पैमाने पर आपराधिक उपकरण बरामद किए हैं, जो उनके संगठित धोखाधड़ी नेटवर्क का संकेत देते हैं। बरामदगी में कई मोबाइल फोन, विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड, विभिन्न बैंकों के दस्तावेज़, डिजिटल खाता खोलने के उपकरण, और एक फिंगरप्रिंट स्कैनर जैसी महत्वपूर्ण वस्तुएं शामिल हैं।
गिरफ्तारी के बाद दोनों अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस का मानना है कि इन अभियुक्तों से पूछताछ के बाद इस फ्रॉड नेटवर्क के और बड़े सदस्यों तक पहुंचा जा सकता है। रानाघाट पुलिस जिले की इस कार्रवाई से साइबर अपराधियों के बीच खलबली मच गई है।