

नयी दिल्लीः आतंकियों ने पिछले गणतंत्र दिवस के समय ही लाल किला क्षेत्र में विस्फोट करने की योजना बनायी थी, लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण उनकी योजना सफल नहीं हो पायी थी। सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के संबंध में गिरफ्तार किए गए डॉ. मुजम्मिल गनई के मोबाइल फोन के डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि उसने इस साल जनवरी में लाल किला क्षेत्र की कई बार टोह ली थी।
ऐतिहासिक स्मारक था निशाने पर
पुलिस ने बताया कि उन्हें संदेह है कि ये रेकी 26 जनवरी को ऐतिहासिक स्मारक को निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थीं, जो उस समय क्षेत्र में गहन गश्त के कारण विफल हो गई होगी। पुलिस द्वारा जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने और तीन चिकित्सकों सहित आठ लोगों को गिरफ्तार करने के कुछ ही घंटों बाद दिल्ली के लाल किला क्षेत्र के पास एक धीमी गति से चलती कार में उच्च तीव्रता वाला विस्फोट हुआ, जिसमें 12 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने जम्मू कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर लगभग 2,500 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर जब्त किया।
डॉ मुजम्मिल के मोबाइल के डेटा से चला पता
विस्फोट स्थल से करीब 40 नमूने एकत्र करने वाली फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के अनुसार, प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि विस्फोटकों में से एक नमूना अमोनियम नाइट्रेट प्रतीत होता है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि डॉ. मुजम्मिल के मोबाइल फोन से प्राप्त ‘डंप डेटा’ के विश्लेषण से पता चला है कि जनवरी के पहले सप्ताह में लाल किला क्षेत्र में और उसके आसपास उसकी बार-बार उपस्थिति थी।
अधिकारियों ने बताया कि डॉ. मुजम्मिल ने अपने साथी डॉ. उमर नबी के साथ सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ की प्रवृत्ति का पता लगाने के लिए कई बार लाल किले का दौरा किया। टावर लोकेशन डेटा और आसपास के इलाकों से एकत्र किए गए सीसीटीवी फुटेज के जरिए उनकी गतिविधियों की पुष्टि की गई है। ऐसा बताया गया है कि सोमवार को जिस कार में विस्फोट हुआ उसे डॉ. उमर नबी चला रहा था जो अल-फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर था।
कई बार लाल किला क्षेत्र में की गई रेकी
अधिकारी ने बताया, ‘ये दौरे 26 जनवरी को योजनाबद्ध हमले से पहले विस्तृत रेकी का हिस्सा थे।’ इस बीच, फॉरेंसिक दल ने विस्फोट स्थल से करीब 40 नमूने एकत्रित किए, जिनमें दो कारतूस, गोला-बारूद तथा दो अलग-अलग प्रकार के विस्फोटकों के नमूने शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि विस्फोटकों में से एक नमूना अमोनियम नाइट्रेट प्रतीत होता है।
सोमवार को फरीदाबाद में एक जांच के दौरान 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था, जब अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े डॉ. मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘दूसरा विस्फोटक नमूना अमोनियम नाइट्रेट से भी ज्यादा शक्तिशाली माना जा रहा है। इसकी सटीक संरचना की पुष्टि विस्तृत फ़ोरेंसिक जांच के बाद होगी।’
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