

नई दिल्ली - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। उन्होंने 12 लाख तक की सालाना आमदनी को पूरी तरह से टैक्स फ्री करने की घोषणा की है। इसके अलावा उन्होंने टैक्स स्लैब में भी बदलाव का ऐलान किया है।
इनकम टैक्स में यह छूट न्यू टैक्स रिजीम का ऑप्शन सिलेक्ट करने वाले टैक्सपेयर्स को मिलेगी। 12 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री होने के साथ ही 75,000 रुपये के स्टैडर्ड डिडक्शन का भी फायदा मिलगा। इस तरह टैक्स फ्री आमदनी 12 लाख से बढ़कर 12.75 लाख रुपये हो गई।
इन सब के बीच आम लोग नए टैक्स स्लैब को लेकर कंफ्यूज नजर आ रहे हैं। ज्यादातर लोग सवाल कर रहे हैं कि जब सरकार ने नए स्लैब के तहत 4-8 लाख रुपये की आमदनी पर 5% और 8-12 लाख की आमदनी पर 10% टैक्स लगा रही है तो फिर 12 लाख तक की इनकम पर जीरो इनकम टैक्स कैसे हुआ। अगर आपका भी कुछ इसी तरह का सवाल है तो आइए हम आपको इस बारे में विस्तार से समझाते हैं।
8-12 लाख की आमदनी पर 10% टैक्स
12 लाख की आमदनी से सीधा मतलब यह हुआ कि यदि आप साल भर में 12.01 लाख रुपये भी कमाते हैं तो आपको चार लाख से ऊपर की पूरी आमदानी यानी 8 लाख रुपये पर पूरा टैक्स देना होगा। इसके लिए पहले 12 लाख तक की कैलकुलेशन समझते हैं।
नए टैक्स स्लैब के अनुसार 4-8 लाख रुपये तक की आमदनी पर 5% के हिसाब से 20,000 रुपये का टैक्स हुआ। इस तरह 8-12 लाख तक की आमदनी पर 10% के हिसाब से 40,000 रुपये टैक्स हुआ। इस तरह यह कुल मिलाकर 60,000 रुपये का टैक्स हुआ। आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय की तरफ से सेक्शन 87A के तहत इसमें आपको रिबेट दी जाएगी। यानी आपका टैक्स 60,000 रुपये हुआ और इस पर आपको रिबेट मिलेगी।
12-16 लाख की आमदनी पर 20% टैक्स
12 लाख से 16 लाख तक की आय पर 15% के हिसाब से 60,000 रुपये का टैक्स बना। इस हिसाब से आपको 1.2 लाख रुपये का टैक्स देना होगा। इसी तरह अगर 16-20 लाख रुपये पर 20% के हिसाब से 80,000 का टैक्स हुआ। इसका मतलब कुल मिलाकर आपको 2 लाख रुपये का टैक्स देना होगा। आपको बता दें कि हर इनकम ग्रुप वाले को आयकर विभाग की तरफ से दिये जाने वाले स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा। टैक्स की इस राशि पर सेस की कैलकुलेशन अलग से होगी।
न्यू टैक्स रिजीम के तहत संशोधित स्लैब-
1. 4,00,000 रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
2. 4,00,001 से 8,00,000 रुपये 5%
3. 8,00,001 से 12,00,000 रुपये 10%
4. 12,00,001 से 16,00,000 रुपये 15%
5. 16,00,001 से 20,00,000 रुपये 20%
6. 20,00,001 से 24,00,000 रुपये 25%
7. 24,00,001 से अधिक आय पर 30%