‘ममता बनर्जी जैसी दूसरी नेत्री पूरे देश में नहीं’

‘ममता बनर्जी जैसी दूसरी नेत्री पूरे देश में नहीं’
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सबिता, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : बांग्ला भाषा मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस का रानीरासमणि रोड में धरना जारी है। बुधवार को तृणमूल शिक्षक सेल द्वारा आयोजन में भारी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। इस मौके पर तृणमूल नेता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि भाजपा क्यों इतना बंगाल से डरती है। इसका प्रमुख कारण है कि ममता बनर्जी जैसी दूसरी नेता पूरे भारत में नहीं है जो बंगाल के लिए अपनी आवाज बुलंद करे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का लंबा राजनीतिक अनुभव, लोगों के प्रति उनका बलिदान, उनकी प्रेरणा, सेवा भाव किसी अन्य नेता में नहीं दिखती है। इसलिए भाजपा बंगाल से ईष्या करती है। वहीं तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी जैसे युवा नेता आज देश में नहीं है। विभिन्न राजनीति में आप देख लीजिए एक नंबर पर अभिषेक बनर्जी है। मोदी सरकार भय से बंगाल को दबाने की कोशिश कर रहे हैं मगर कोई लाभ नहीं होगा। तृणमूल नेता ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जो 1 सितंबर को मैदान एरिया में राजनीतिक पार्टी का मंच खोलने के लिए सेना का इस्तेमाल किया गया। इसमें सेना का दोष नहीं है। भाजपा ने उनका इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि बांग्लाभाषियों के लिए तृणमूल अपनी आवाज बुलंद करती रहेगी।

अभिषेक बनर्जी की सराहना : अपने भाषण से मजूमदार ने तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को देश का “नंबर 1 युवा नेता” बताया। उन्होंने कहा कि अन्य किसी भी राजनीतिक पार्टी में ऐसा ऊर्जावान और समर्पित युवा नेता नहीं है।

बांग्ला भाषा मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस का रानीरासमणि रोड में धरना जारी है। बुधवार को तृणमूल शिक्षक सेल द्वारा आयोजन में पहुंचें तृणमूल नेता जयप्रकाश मजूमदार। साथ में हैं बीजन सरकार व पलाश साधुकार
बांग्ला भाषा मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस का रानीरासमणि रोड में धरना जारी है। बुधवार को तृणमूल शिक्षक सेल द्वारा आयोजन में पहुंचें तृणमूल नेता जयप्रकाश मजूमदार। साथ में हैं बीजन सरकार व पलाश साधुकार

भाजपा और केंद्र सरकार पर आरोप:

तृणमूल नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि 1 सितंबर को कोलकाता के मैदान इलाके में भाजपा द्वारा एक राजनीतिक कार्यक्रम के मंच के लिए सेना का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने साफ किया कि इसमें सेना की कोई गलती नहीं है, बल्कि भाजपा ने सेना का राजनीतिक उपयोग किया। तृणमूल का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार बंगाल की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। परन्तु तृणमूल पार्टी झुकने वाली नहीं है और वे बांग्ला भाषा व अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी। 

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