

कोलकाता: 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले SIR को लेकर राज्य प्रशासन और राष्ट्रीय चुनाव आयोग के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। जिलास्तरीय अधिकारियों पर अतिरिक्त दबाव और धमकियों की शिकायतें सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बीडीओ, एसडीओ और जिलाशासकों को स्पष्ट संदेश दिया—डरने की कोई जरूरत नहीं, मैं आपके साथ हूं।
सूत्रों के अनुसार, नवान्न में मुख्य सचिव मनोज पंत द्वारा आयोजित विकास समीक्षा बैठक से मुख्यमंत्री अचानक जुड़ीं। उन्होंने कहा कि एसआईआर का काम जरूरी है, लेकिन इसके दबाव में 'बांग्लार बाड़ी' या सड़क निर्माण जैसे विकास कार्य नहीं रुकने चाहिए। शिकायत है कि आयोग द्वारा भेजे गए एक पूर्व नौकरशाह (मुख्यमंत्री संभवतः पूर्व नौकरशाह शुभ्रत गुप्ता की ओर ही संकेत कर रही थीं, ऐसा माना जा रहा है) अधिकारियों को फोन कर देर रात तक दबाव बना रहे हैं और 'दिल्ली भेजने' की धमकी दे रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस पर ममता ने कहा, किसी की धमकी में न आएं, नियम अनुसार अपना काम करें। चुनाव आयोग के अनुसार मृत और डुप्लिकेट वोटरों को हटाने की रफ्तार संतोषजनक नहीं है, इसलिए 13 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को पर्यवेक्षक बनाकर जिलों में भेजा गया है। इससे प्रशासनिक हलकों में रोष है।
ममता ने अधिकारियों को कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की संभावनाओं से भी सतर्क रहने को कहा और निर्देश दिया कि जाति प्रमाणपत्र सहित अन्य सेवाओं में जनता को किसी प्रकार की परेशानी न हो। मंगलवार को इस विषय पर उनकी एक और उच्चस्तरीय बैठक होगी।