राशन डीलरों के कमीशन वृद्धि का रास्ता खुला ! डीलरों में भारी उत्साह

The way is now open for an increase in commission for ration dealers! There is great enthusiasm among the dealers.
सांकेतिक फोटो
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : देशभर के राशन डीलरों के लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष और आंदोलनों को आखिरकार बड़ी सफलता मिली है। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने फेयर प्राइस शॉप (FPS) डीलरों के कमीशन (डीलर्स मार्जिन) में वृद्धि के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इस फैसले के बाद, यह प्रबल संभावना है कि आगामी केंद्रीय बजट सत्र 2026-27 में इस वृद्धि पर आधिकारिक मुहर लग जाएगी।

इस उपलब्धि को लेकर ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के महासचिव विश्वंभर बासु ने डीलरों के बीच भारी उत्साह व्यक्त किया है।

कैबिनेट निर्णय और आधिकारिक ज्ञापन

विश्वंभर बासु ने बताया कि यह सफलता एक संगठित प्रयास का परिणाम है। उन्होंने जानकारी दी कि:

  • 24 नवंबर 2025 को केंद्रीय कैबिनेट ने राशन डीलरों के कमीशन बढ़ाने की मांग को न्यायसंगत और तर्कसंगत मानते हुए निर्णय लिया था।

  • इसी क्रम में, आज यानी 15 दिसंबर 2025 को, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (PFC-1 डिविजन) से एक आधिकारिक कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum) भारत सरकार के खाद्य सचिव को भेजा गया है।

  • सहायक निदेशक लवी गोयल द्वारा जारी यह ज्ञापन स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए डीलर मार्जिन के बजटीय प्रावधानों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

यह आधिकारिक संचार इस बात को पुष्ट करता है कि डीलरों की आजीविका में सुधार का विषय अब सरकारी प्राथमिकता बन चुका है।

न्यूनतम आय गारंटी और अतिरिक्त जिम्मेदारी की मांग

कमीशन वृद्धि के साथ-साथ, डीलरों ने सरकार से एक और महत्वपूर्ण मांग रखी है: न्यूनतम आय गारंटी सुनिश्चित करना। डीलरों ने तर्क दिया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) नियम में हर तीन साल में मार्जिन संशोधन का प्रावधान है, लेकिन NFSA लागू होने के बाद से इस नियम का कभी पालन नहीं किया गया। इससे उनकी आय अनिश्चित बनी रहती है।

डीलरों ने सरकार को अपनी संगठनात्मक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए अतिरिक्त राष्ट्रीय जिम्मेदारियाँ संभालने की इच्छा भी व्यक्त की है। इनमें 'भारत ब्रांड' की वस्तुओं का वितरण, जन औषधि प्रकल्प और जन पोषण केंद्र जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं में सक्रिय भागीदारी शामिल है।

संगठन ने अंत में सभी डीलरों से एकजुट होकर अपनी आजीविका के मार्ग को मजबूत करने का आह्वान किया है, ताकि यह सफलता स्थायी बन सके।

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