पुलिस के हस्तक्षेप से खत्म हुआ घेराव, गतिरोध जारी

अस्थायी कर्मचारियों ने अनिश्चितकाल के लिए किया कार्य बहिष्कार
हुगली चुंचुड़ा पालिका के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए श्रमिक
हुगली चुंचुड़ा पालिका के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए श्रमिक
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हुगली : हुगली-चुंचुड़ा पालिका में बोर्ड बैठक के दौरान कर्मचारियों का घेराव पुलिस हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गया और पालिका के चेयरमैन अमित राय, पार्षदों और पालिका के अधिकारियों को करीब 11 घंटों के बाद सोमवार की रात को घेराव मुक्त करवाया गया। इसके बावजूद गतिरोध जारी है और अस्थायी कर्मचारियों ने अश्चित काल के लिए कार्यबहिष्कार की घोषणा कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार पालिका की बोर्ड की बैठक के दौरान सोमवार को अस्थायी कर्मचारी मीटिंग हॉल के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे थे। अस्थायी कर्मी अपने मांगों को लेकर धरने पर बैठ गये। वे 65 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करते समय एकमुश्त 5 लाख रुपये देने और दैनिक मजदूरी में 100 रुपये की वृद्धि की मांग कर रहे थे। अस्थायी कर्मियों का आरोप है कि गत 17 जून को आयोजित बोर्ड मीटिंग में वेतन वृद्धि और सेवानिवृत्ति से जुड़ी मांगों पर चर्चा नहीं हुई थी। जब मासिक बोर्ड मीटिंग चल रही थी, तभी अस्थायी कर्मचारी बैठक कक्ष के बाहर बैठ गए और मांगें पूरी होने तक किसी को भी बाहर नहीं निकलने देने की चेतावनी दी। सोमवार की रात 11 बजे के आसपास चुंचुड़ा थाने के आईसी रामेश्वर ओझा के नेतृत्व में भारी पुलिस बल पालिका कार्यालय पहुंचा। आईसी ने श्रमिक नेता राधेश्याम शंख बणिक और हुगली सदर की एसडीओ स्मिता सान्याल शुक्ला के बीच बातचीत कराई। श्रमिक नेता राधेश्याम और स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने एसडीओ से स्वयं श्रमिकों के साथ बैठक करने की बात कही। इसके बाद रात 12 बजे के बाद सख्त पुलिस सुरक्षा के बीच चेयरमैन, पार्षदों और अन्य अधिकारियों को बाहर निकाला।

हालांकि, श्रमिकों ने मंगलवार को अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। अगर बातचीत में समाधान निकलता है तो वे काम पर लौटेंगे, अन्यथा हड़ताल जारी रहेगी। उन्हें उम्मीद है कि एसडीओ के हस्तक्षेप से समाधान अवश्य मिलेगा, जैसा कि पहले भी हुआ है। वहीं, पालिका के चेयरमैन अमित राय ने आंदोलन को पूर्वनियोजित और राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि कर्मचारी कार्य पर नहीं लौटेंगे तो उन्हें सेवा से हटा दिया जाएगा। करीब दो हजार अस्थायी कर्मचारी हैं।


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