

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के नेशनल काउंसिल सदस्य एवं भाजपा के पूर्व राज्य अध्यक्ष अजय बैरागी ने आज भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक विस्तृत प्रतिवेदन सौंपा, जिसमें 1952 से द्वीपों में रह रहे “सेटलर वर्ग” किसानों की दीर्घकालिक और गंभीर समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया गया है। यह परिवार भारत सरकार की उपनिवेशन एवं पुनर्वास योजना के तहत कृषि भूमि प्राप्त कर यहाँ बसाए गए थे, ताकि उनकी आजीविका सुरक्षित हो, स्थानीय खाद्यान्न उत्पादन बढ़े और मुख्य भूमि पर निर्भरता कम हो। लेकिन मूलभूत ढाँचे की कमी, कठिन जीवन परिस्थितियाँ तथा व्यापक मिट्टी कटाव के कारण ये किसान अत्यधिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। प्रतिवेदन में दो प्रमुख समस्याओं को प्रमुखता से रेखांकित किया गया है—भारी वर्षा और बाढ़ के कारण कृषि भूमि का कटाव तथा अंडमान-निकोबार में अकार्बनिक उर्वरकों की आपूर्ति बंद होना।
भूमि कटाव के संबंध में अजय बैरागी ने कहा कि द्वीपों में वर्षा लगभग आठ से दस महीनों तक होती है, जिससे नदियों और नालों के आसपास स्थित कृषि भूमि लगातार कटाव का शिकार होती रही है।
इससे अनेक सेटलर परिवारों की वास्तविक भूमि होल्डिंग घट गई है, जिससे कृषि उत्पादन और उनकी आजीविका पर गंभीर असर पड़ा है। प्रशासन से आग्रह किया गया है कि मूल भूमि आवंटन और वर्तमान उपलब्ध भूमि का सर्वेक्षण कर नुकसान का आकलन किया जाए और प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक कृषि भूमि प्रदान की जाए। उर्वरकों की आपूर्ति बंद होने के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि बसावट के समय से लेकर हाल के वर्षों तक किसानों को यूरिया, डीएपी और एनपीके मिश्रण जैसे रासायनिक उर्वरक सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराए जाते थे, लेकिन जैविक खेती को बढ़ावा देने के प्रयास में यह आपूर्ति पाँच वर्षों से बंद है। क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु के कारण किसान जैविक खेती सफलतापूर्वक नहीं अपना पाए, जिससे उत्पादन में भारी गिरावट आई और आय तथा खाद्यान्न उपलब्धता प्रभावित हुई। अब उर्वरक केवल ऊँची कीमतों पर उपलब्ध हैं, जिन्हें गरीब किसान वहन नहीं कर पा रहे, और कई परिवारों को चिकित्सा एवं बच्चों की शिक्षा तक से समझौता करना पड़ रहा है। प्रतिवेदन में सब्सिडी वाले उर्वरकों की आपूर्ति बहाल करने तथा कालाबाज़ारी रोकने हेतु कड़े उपाय करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
अजय बैरागी ने कहा कि मंत्री का सहानुभूतिपूर्ण एवं शीघ्र हस्तक्षेप सेटलर किसानों को अत्यंत राहत प्रदान करेगा।