दिल्ली की 185 मस्जिदों के इमामों की सियासी भूमिका की हो सकती है जांच...

भाजपा नेताओं ने सीएम से की शिकायत
CM Rekha Gupta
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नई दिल्ली : दिल्ली में चार हजार के लगभग मस्जिदें हैं। इन मस्जिदों की कमेटी मस्जिदों के इमामों की नियुक्ति करती है और उनका वेतन देती है। इनमें से 185 मस्जिदें ऐसी हैं जिनके इमामों को दिल्ली सरकार से हर महीने 18 हजार का वेतन मिलता है। इमामों के साथ-साथ इन मस्जिदों के सह इमामों (मुअज्जिनों) को हर महीने 16 हजार का वेतन दिया जाता है। जानकारों के अनुसार, ये मस्जिद सरकार के खर्चे से चल रहे हैं, ये सरकार के जांच के दायरे में आते हैं।

दिल्ली सरकार से वेतन लेने वाले राजधानी के 185 मस्जिदों के इमामों की सियासी भूमिका की जांच हो सकती है। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात कर आरोप लगाया है कि सरकार के खर्चे से चलने वाली कई मस्जिदों से राजनीतिक दलों की सियासी गतिविधियां चलाई जा रही हैं। मोर्चे ने इन मस्जिदों के इमामों की भूमिका की जांच की मांग की है। जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मामले की जांच कराने की बात कह दी है।

जानकारी के अनुसार, सिद्दीकी ने सोमवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से दिल्ली सचिवालय में मुलाकात की। मुलाकात के दौरान जमाल सिद्दीकी ने इमाम मोहिबुल्लाह नदवी द्वारा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मस्जिद में बुलाकर राजनीतिक चर्चा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है।

दिल्ली में चार हजार के लगभग मस्जिदें हैं। इन मस्जिदों की कमेटी मस्जिदों के इमामों की नियुक्ति करती है और उनका वेतन देती है। इनमें से 185 मस्जिदें ऐसी हैं जिनके इमामों को दिल्ली सरकार से हर महीने 18 हजार का वेतन मिलता है। इमामों के साथ-साथ इन मस्जिदों के सह इमामों (मुअज्जिनों) को हर महीने 16 हजार का वेतन दिया जाता है। जानकारों के अनुसार, ये मस्जिद सरकार के खर्चे से चल रहे हैं, ये सरकार के जांच के दायरे में आते हैं।

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख कर अपने लिए वेतन और अन्य सुविधाएं दिए जाने की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने इमामों को वेतन देने का आदेश दिया था। इसके बाद से ही इन मस्जिदों के इमामों को सरकार के कोष से वेतन दिया जाता है।

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