सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : महानगर के प्रमुख फ्लाईओवर में शामिल मां फ्लाईओवर की व्यस्तता पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गयी है। दिन-प्रतिदिन गाड़ियों का आवागमन बढ़ता जा रहा है। इससे रखरखाव में भी 30 % बढ़ोतरी हुई है। इसका रखरखाव केएमडीए के अधीन है। सबसे खास बात यह है कि वाहनों का दबाव बढ़ने के बावजूद मां फ्लाईओवर की चमक बरकरार है। इसके कई कारण केएमडीए के अधिकारी बताते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में मां फ्लाईओवर पर रोजाना एक लाख वाहनों का आवागमन होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पीक आवर में प्रति घंटे 15 हजार गाड़ियां दोनों ओर से गुजरती हैं। कई बार यह आंकड़ा भी पार हो जाता है। समय के साथ ही मां फ्लाईओवर के रखरखाव में भी काफी इजाफा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक हाल के कुछ सालों की तुलना में फ्लाईओवर पर वाहनों की संख्या में लगभग 20 % तक बढ़ोतरी देखी जा रही है। यहां भारी वाहनों पर प्रतिबंध है बावजूद इसके यहां ट्रैफिक दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ट्रैफिक दबाव के साथ ही मां फ्लाईओवर के रखरखाव में भी करीब 30% इजाफा हुआ है। वहीं आधुनिक ट्रैफिक सिस्टम से ट्रैफिक व्यवस्था को बखूबी संभाला जाता है।
एक नजर इस पर
2015 में मां फ्लाईओवर का पहला फेज खुला था (परमा से पार्क सर्कस)
2016 में ईस्ट बाउंड की शुरुआत हुई (एजेसी बोस रोड की तरफ कनेक्टर)
2019 में वेस्ट बाउंड की शुरुआत हुई
शुरुआती ट्रैफिक लक्ष्य : 40 हजार
2015 में जब मां फ्लाईओवर की शुरुआत हुई थी तो उस दौरान यह अंदाजा नहीं था कि यह फ्लाईओवर लोगों की लाइफलाइन बन जायेगा। अधिकारी के मुताबिक उस दौरान करीब 40 हजार वाहनों का प्रति दिन लक्ष्य था मगर समय के साथ इनमें कई गुणा इजाफा हुआ। अब यह एक लाख वाहनों का आवागमन पार कर चुका है।
कई दशक तक फ्लाईओवर में बनी रहेगी चमक
इसके रखरखाव में कोई कमी ना हो, इसके लिए केएमडीए नियमित रूप से एक्सपर्ट की राय लेता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स से परामर्श लेकर फ्लाईओवर की जांच के अलावा उसका रखरखाव किया जा रहा है ताकि आने वाले वर्षों तक इसकी स्थिति और ‘मां की चमक’ बरकरार रहे। अगले कई दशक तक कोई कमी नहीं आये, इसके लिए हमलोग आशावादी हैं।