

कोलकाता : विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी ने बताया कि विधानसभा के 10 सुरक्षाकर्मी निलंबित विधायकों को सदन से बाहर निकालने की कोशिश के दौरान घायल हो गये। उन्होंने कहा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है। संसदीय लोकतंत्र में ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। मैंने विधानसभा सचिवालय से कई कर्मचारियों के घायल होने की रिपोर्ट की जांच करने को कहा है। साथ ही भाजपा सदस्यों के चश्मे और घड़ी तथा माइक्रोफोन को हुए नुकसान की रिपोर्ट की भी जांच करने को कहा गया है। अगर नुकसान के आरोप साबित होते हैं तो हम विधायकों के वेतन से पैसे वसूलेंगे। स्पीकर ने कहा कि सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है। एक टेबल कुछ माइक्रोफोन को जोर जबरदस्ती खींचकर तोड़ा गया है। मैंने एक और फैसला लिया है कि उन्हें माइक्रोफोन की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जायेगी। स्पीकर ने कहा कि विधायकों को समझना होगा कि कैसे विधानसभा की मर्यादा रखनी है। अशोक लाहिड़ी ने एक प्रश्न उठाया था जिसका मैंने उत्तर दिया था मगर इसे लेकर जिस तरह से हो हल्ला किया गया और कागज फाड़े गये, यह वांछनीय नहीं है। बार-बार मैंने विरोधियों तथा सत्ता पक्ष के विधायकों से अनुरोध किया कि शांति से चर्चा होगी, लेकिन वे नहीं माने। मेरे अनुरोध के बाद भी नहीं माने तो मैंने बाध्य होकर चार विधायकों को सस्पेंड किया। सस्पेंड के बाद भी वे लोग हो हल्ला करते रहे। मैंने मार्शल से कहा कि उन्हें बाहर जाने के लिए कहें या फिर बाहर निकाल दें।
मार्शल सहित अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट की गयी
स्पीकर ने कहा कि मार्शल सहित अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट की गयी जिसमें 10 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। विपक्ष के नेता के आरोप की भी जांच होगी। स्पीकर ने कहा कि इससे पहले अब्दुल मन्नान को सदन से बाहर किया था। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आपत्ति जतायी थी मगर सदन से निकल गये थे। उन्होंने कहा कि विधायकों को अनुशासन में रहना चाहिए। वहीं शुभेंदु अधिकारी एमआईसी स्टेटस के व्यक्ति हैं। उन्हें अपने इस तरह के आचरण पर सोचना चाहिए।