

कोलकाता: विपक्ष के तीखे विरोध और जोरदार हंगामे के बावजूद लोकसभा में 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी 'जी राम जी बिल' पारित हो गया। इसके साथ ही कांग्रेस शासनकाल में शुरू हुई मनरेगा यानी 'महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ का नाम 20 साल बाद बदलने जा रहा है।
राष्ट्रपिता का नाम योजना से हटाए जाने के आरोप को लेकर विपक्ष मुखर है। इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान किया। गुरुवार को वह उद्योग और वाणिज्य सम्मेलन के लिए धनधान्य प्रेक्षागृह में मौजूद थीं। वहीं से उन्होंने मनरेगा योजना का नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला। ममता बनर्जी ने कहा, “राष्ट्रपिता का नाम भुलाया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से हमने ‘कर्मश्री’ योजना की घोषणा की थी। उस योजना का नाम अब ‘महा त्माश्रीपरियोजना’ होगा। अगर आप गांधीजी को सम्मान नहीं दे सकते, तो हम देंगे। हम नेताजी, गांधीजी सहित सभी स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना जानते हैं।”
ममता बनर्जी द्वारा ‘कर्मश्री’ योजना का नाम बदलने की घोषणा को मौजूदा राजनीतिक हालात में बेहद अहम माना जा रहा है। इस दिन उन्होंने कहा, हमें नहीं पता भविष्य में क्या होगा, शायद बंगाल से नया इतिहास लिखा जाएगा। इस संबंध में सीएस मनोज पंत ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।