बाराटांग–ओरलकत्छा सड़क मरम्मत का मामला गंभीर

जिला परिषद सदस्य ने उपायुक्त को सौंपा औपचारिक ज्ञापन
बाराटांग–ओरलकत्छा सड़क मरम्मत का मामला गंभीर
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सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : बाराटांग जिला परिषद सदस्य एवं जिला योजना समिति के सदस्य आर. अलागर स्वामी ने उत्तर एवं मध्य अंडमान के उपायुक्त से बाराटांग जेट्टी से ओरलकत्छा स्कूल तक लंबे समय से लंबित सड़क खंड के अंतिम निर्धारण और निर्माण के लिए तत्काल प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने उपायुक्त को एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा, जिसमें सड़क की वर्तमान स्थिति और इससे उत्पन्न समस्याओं का विवरण दिया गया।

ज्ञापन में बताया गया है कि लगभग 200 मीटर लंबा सड़क खंड लंबे समय से उपेक्षित पड़ा हुआ है। इसकी वजह यह है कि कार्यदायी एजेंसी का अंतिम निर्धारण नहीं हुआ है। बार-बार अनुरोध के बावजूद अंडमान लोक निर्माण विभाग ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया है, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने यह कहा कि यह मार्ग स्वीकृत परियोजना का हिस्सा नहीं है। इन वजहों से सड़क की स्थिति अत्यंत जर्जर हो गई है और लोगों को चलने-फिरने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यह सड़क केवल स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के लिए ही नहीं, बल्कि ओरलकत्छा स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों के लिए भी मुख्य संपर्क मार्ग है। मानसून के दौरान गड्ढे और जलभराव के कारण यह मार्ग असुरक्षित हो जाता है। वहीं, गर्मियों में उड़ती धूल विशेष रूप से स्कूली बच्चों और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन जाती है।

जिला परिषद सदस्य आर. अलागर स्वामी ने लंबे समय से जारी निष्क्रियता पर जनता में बढ़ते आक्रोश का उल्लेख करते हुए चेतावनी दी कि यदि 10 जनवरी 2026 से पूर्व इस सड़क खंड का स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो स्थानीय लोग चक्का जाम सहित आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने उपायुक्त से अनुरोध किया कि जनहित में अधिकार क्षेत्र तय कर संयुक्त निरीक्षण कराया जाए और समयबद्ध कार्ययोजना जारी की जाए।

इस मामले को लेकर स्थानीय लोग भी चिंतित हैं और सड़क के शीघ्र मरम्मत की उम्मीद लगाए हुए हैं। यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन की संभावना बढ़ सकती है। जिला परिषद सदस्य ने प्रशासन से शीघ्र समाधान की अपील की है ताकि न केवल छात्रों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, बल्कि पर्यटकों और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी यह मार्ग सुरक्षित और सुगम बनाया जा सके।

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