FRK टेंडर प्रक्रिया पूरी, अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है पुष्टियुक्त चावल की आपूर्ति

The FRK tender process is complete, and the supply of fortified rice may begin next week.
सांकेतिक फोटो REP
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राशन ग्राहकों और धान उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। पिछले दो महीनों से पुष्टियुक्त (फोर्टिफाइड) चावल की आपूर्ति को लेकर बना गतिरोध अब समाप्त होने की कगार पर है। राज्य खाद्य विभाग (खाद्य भवन) से मिली नवीनतम जानकारी के अनुसार, फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) की टेंडर प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंतिम रूप दे दिया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि FRK के सैंपल गुणवत्ता जांच के लिए भेज दिए गए हैं और भारत सरकार (GOI) से अंतिम हरी झंडी मिलते ही मिलों में चावल फोर्टिफिकेशन का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत राशन दुकानों और सेंट्रल पूल में इस विशेष चावल की आपूर्ति फिर से सामान्य हो जाएगी।

संकट का मुख्य कारण

राज्य में नए खरीफ सीजन की शुरुआत नवंबर महीने से ही हो चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार के कुछ कड़े नियमों और टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी देरी के कारण FRK की उपलब्धता प्रभावित हो रही थी। नियमानुसार, राशन में वितरित किए जाने वाले चावल में एक निश्चित अनुपात में FRK मिलाना अनिवार्य है ताकि उपभोक्ताओं को कुपोषण से बचाया जा सके। इस प्रक्रिया में देरी के कारण राज्य की राइस मिलों में भारी मात्रा में स्टॉक जमा हो गया। आंकड़ों के अनुसार, करीब 13.90 लाख टन धान और उससे तैयार 9.45 लाख टन चावल मिलों में डंप पड़ा रहा, क्योंकि बिना FRK मिलाए इसे 'पोषणयुक्त चावल' की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता था।

किसानों और मिलों पर प्रभाव

धान और चावल के इस भारी जमावड़े (Stockpiling) के कारण राज्य के सामने एक गंभीर संकट खड़ा हो गया था। मिलों में भंडारण की जगह कम होने के कारण सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों से नया धान खरीदना मुश्किल हो रहा था। राज्य खाद्य विभाग ने इस चिंताजनक स्थिति से केंद्रीय खाद्य मंत्रालय को अवगत कराया। विभाग ने आगाह किया था कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो सरकार को धान की खरीद बंद करनी पड़ सकती है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को भारी नुकसान होगा।

समाधान की ओर बढ़ते कदम

संकट को टालने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से अस्थायी रूप से 'सामान्य चावल' (बिना FRK वाला) वितरित करने की अनुमति भी मांगी थी ताकि मिलों से स्टॉक कम हो सके। हालांकि, अब टेंडर प्रक्रिया पूरी होने से स्थिति सुधरने की उम्मीद है। राशन डीलरों के संगठनों ने भी इस प्रक्रिया में हो रही देरी और जटिलताओं पर चिंता जताई थी। अब उम्मीद है कि अगले सप्ताह से FRK की आपूर्ति बहाल होने पर मिलिंग प्रक्रिया तेज होगी, जिससे न केवल राशन वितरण सुचारु होगा, बल्कि धान की सरकारी खरीद भी निर्बाध रूप से जारी रह सकेगी।

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