दिवाली यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल

दिल्ली में लाल किले पर आयोजित यूनेस्को की एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया।
दिवाली यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल
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नई दिल्लीः भारत के प्रमुख उत्सव दीपावली को बुधवार को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया। दिल्ली में लाल किले पर आयोजित यूनेस्को की एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया।

यह पहली बार है कि भारत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) के संरक्षण के लिए अंतरसरकारी समिति के सत्र की मेजबानी कर रहा है।

इस समिति का 20वां सत्र लाल किले में आठ से 13 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। यूनेस्को द्वारा दीपावली उत्सव को प्रतिष्ठित सूची में शामिल किए जाने की घोषणा के बाद ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे हवा में गूंज उठे। भारत की 15 चीजें वर्तमान में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल हैं, जिनमें कुंभ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा नृत्य, योग, वैदिक मंत्रोच्चार की परंपरा और रामलीला - महाकाव्य ‘रामायण’ का पारंपरिक प्रदर्शन शामिल हैं।

पिछले साल भेजा गया था प्रस्ताव

भारत ने मार्च 2024 में दिवाली को अमूर्त विश्व धरोहर में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था। भारतीयों के लिए यह गर्व की बात है कि भारत के सबसे बड़े त्योहारों में एक दिवाली को अमूर्त विश्व धरोहर (यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज ) में शामिल करने की घोषणा हुई है। इस मौके पर, सभी ऐतिहासिक धरोहरों को रोशनी से सराबोर कर एक बार फिर दिवाली मनाई जाएगी। इसका मकसद, यूनेस्को प्रतिनिधिमंडल समेत विदेशी मेहमानों को दिवाली त्योहार से रूबरू करवाना है। दिल्ली सरकार विशेष रूप से ऐतिहासिक स्मारकों पर दिवाली का पर्व जैसी तैयारी कर रही है। ऐतिहासिक धरोहरों समेत लाल किले में विशेष रंगोली और दीपोत्सव का इंतजाम किया गया है।

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