माकपा ने द्वीपसमूह में नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे पर जतायी चिंता

तस्करों पर नकेल कसने और द्वीप-व्यापी जागरुकता अभियान चलाने की मांग
माकपा ने द्वीपसमूह में नशीली दवाओं के बढ़ते खतरे पर जतायी चिंता
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सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : माकपा ने द्वीपों के लोगों, विशेषकर युवाओं में नशीली दवाओं की बढ़ती लत को लेकर गंभीर चिंता जतायी है। श्री विजयपुरम में आयोजित माकपा अंडमान एवं निकोबार राज्य सचिवालय में अपनाए गए एक प्रस्ताव में कहा गया कि नशीली दवाओं की लत न केवल स्वास्थ्य बल्कि शिक्षा, रोजगार और सामाजिक स्थिरता को भी प्रभावित करती है, जिससे समाज में युवाओं की क्षमता कम होती है। बैठक में कहा गया कि हाल के वर्षों में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और अंडमान सागर में नशीली दवाओं, विशेषकर मेथमफेटामाइन की भारी खेप से पता चलता है कि यह केंद्र शासित प्रदेश नशीली दवाओं के तस्करों का पनाहगाह बन गया है। माकपा ने कहा कि दिसंबर, 2024 के दौरान अंडमान सागर में तटरक्षक बल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 36,000 करोड़ रुपये मूल्य का नशीला पदार्थ जब्त किया गया। बैठक में कहा गया कि भारत सरकार और अंडमान निकोबार प्रशासन नशीले पदार्थों की इस विशाल खेप के उद्गम और गंतव्य की जांच करने और तस्करी में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने में विफल रहा। माकपा राज्य सचिवालय की बैठक में कहा गया कि हाल ही में मध्य अंडमान के जंगलों में पुलिस ने लगभग 21 किलोग्राम मेथमफेटामाइन जब्त किया था। इस मामले में भी इतनी बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए उचित जांच नहीं की गई है। माकपा का मानना है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न मात्रा में नशीले पदार्थों की जब्ती द्वीपों में मादक पदार्थों की भारी उपलब्धता का संकेत देती है। माकपा को लगता है कि इस खतरे को द्वीपों में सरकारी एजेंसियों, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, छात्र और युवा संगठनों के सामूहिक प्रयासों से ही नियंत्रित किया जा सकता है। अब समय आ गया है कि अंडमान एवं निकोबार प्रशासन नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में एक अभियान चलाए और इस अपराध के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। इसलिए, माकपा राज्य सचिवालय की बैठक में भारत सरकार और अंडमान एवं निकोबार प्रशासन से आग्रह किया गया कि वे इन द्वीपों में नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं और लोगों, खासकर युवाओं और छात्रों के बीच एक क्षेत्रव्यापी जागरुकता अभियान शुरू करें।

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