

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बैरकपुर: पश्चिम बंगाल की राजनीति को दहला देने वाले पानीहाटी नगर पालिका के टीएमसी पार्षद अनुपम दत्त हत्याकांड में साढ़े तीन साल बाद न्याय हुआ है। बुधवार को बैरकपुर एडीजे थर्ड कोर्ट ने इस जघन्य हत्याकांड के तीनों मुख्य दोषियों अमित पंडित, संजीव पंडित और जियारुल मंडल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही प्रत्येक दोषी पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। पुलिस जांच और अदालती कार्यवाही के दौरान अनुपम दत्त की हत्या के पीछे की मुख्य वजह प्रमोटिंग (रियल एस्टेट) विवाद और अवैध जमीन कब्जा निकलकर सामने आई।
फैसले के बाद अनुपम दत्त की पत्नी मीनाक्षी दत्त ने राहत की सांस ली
जांचकर्ताओं के अनुसार, दोषी संजीव पंडित उर्फ बापी इलाके में एक बेशकीमती जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश कर रहा था ताकि वहां प्रमोटिंग का काम किया जा सके। स्थानीय पार्षद होने के नाते अनुपम दत्त ने इस अवैध कब्जे का कड़ा विरोध किया था। अनुपम की यह ईमानदारी और विकास कार्यों में बाधा न बनने की नीति बापी पंडित को चुभने लगी और उसने उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रची।बापी ने सबसे पहले अनुपम की हत्या के लिए जियारुल मंडल को 4 लाख रुपये की 'सुपारी' दी थी। हालांकि, पैसे लेने के बाद भी जियारुल काम को अंजाम देने में देरी कर रहा था। विवाद बढ़ने पर बापी ने अपने रिश्तेदार अमित पंडित को सुपारी दी। अमित ने पहले जियारुल पर गोली चलाई (जिसमें वह बच गया) और फिर 13 मार्च 2022 को अनुपम दत्त की हत्या कर दी। सोमवार को अदालत ने इन तीनों को दोषी करार दिया था और बुधवार को सजा का ऐलान किया। फैसले के बाद अनुपम दत्त की पत्नी मीनाक्षी दत्त ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा मैं और भी कड़ी सजा (फांसी) चाहती थी, लेकिन अदालत ने जो उचित समझा वह किया है। हमें कानून और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।