सरकारी संस्थानों को खत्म करने की साजिश भारत की आत्मा पर आघात: राहुल

राहुल गांधी ने वीडियो साझा करते हुए कहा कि राजग सरकार की निजीकरण की नीति भारत के लिए बहुत बड़ा अभिशाप बन गया है।
सरकारी संस्थानों को खत्म करने की साजिश भारत की आत्मा पर आघात: राहुल
Salman Ali
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नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि सरकारी संस्थानों को खत्म करने की गहरी साजिश के तहत उनकी स्थिति खराब की जा रही है, जो भारत की आत्मा पर आघात है।

कांग्रेस नेता ने भारत प्रतिरक्षा और जैविक निगम लिमिटेड (बीआईबीसीओएल) के कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात का वीडियो साझा करते हुए यह भी कहा कि राजग सरकार की निजीकरण की नीति भारत के लिए बहुत बड़ा अभिशाप बन गया है।

सरकारी संस्थाओं का दमन किया गया

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने अपने व्हाट्सएप चैनल पर पोस्ट किया, ‘‘सरकारी संस्थाओं का दमन और उनका निजीकरण आज राजग सरकार की सबसे बड़ी दुर्नीति और भारत के लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप बन गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अभी कुछ दिनों पहले जनसंसद में भारत प्रतिरक्षा और जैविक निगम लिमिटेड (बीआईबीसीओएल) के कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात हुई। उन्होंने जो हालात बताए, वो सुनकर आप सिर्फ हैरान नहीं होंगे, स्तब्ध रह जाएंगे।’’

राहुल गांधी ने दावा किया कि इस सरकारी कंपनी के कर्मचारी सालों से वेतनहीन हैं तथा अपने घर का ख़र्च चलाने के लिए कर्ज़, उधार और मजबूरी पर उनका जीवन टिका हुआ है।

निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश

उन्होंने कहा कि यह वही बीआईबीसीओएल है, जो भारत में वैक्सीन बनाने वाली एकमात्र सरकारी कंपनी है तथा जिसने पोलियो जैसी भयंकर बीमारी के उन्मूलन में ऐतिहासिक योगदान दिया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सरकार को कम कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध कराने और हर बच्चे तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने में इसकी भूमिका निर्णायक रही है। लेकिन 2017 तक मुनाफ़े में चल रही इस कंपनी को जानबूझकर, योजनाबद्ध तरीक़े से घाटे में बदल दिया गया।’’

उनका दावा है कि कंपनी को इस स्थिति में पहुंचाया गया ताकि ताकि सरकारी कॉन्ट्रैक्ट निजी कंपनियों को सौंपे जा सकें, निजी कंपनियां महंगे दाम पर वैक्सीन बेचकर भारी मुनाफ़ा कमाएं, उसकी कीमत आपकी जेब से निकाली जाए और एक दिन बीआईबीसीओएल को “नुकसान” के नाम पर बंद कर इसकी संपत्ति मुफ्त या सस्ते दामों में पूंजीपति मित्रों में बांट दी जाए।

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