आयोग ने दो दशक में पहली बार उपचुनाव के लिए किया मतदाता सूची में संशोधन

जाने क्या है पूरा मामला
आयोग ने दो दशक में पहली बार उपचुनाव के लिए किया मतदाता सूची में संशोधन
Published on

नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने लगभग दो दशक में पहली बार पांच विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने के लिए मतदाता सूची में संशोधन किया है ताकि मतदाता सूची को ‘त्रुटिरहित’ बनाया जा सके।

अधिकारियों ने बताया कि पिछली बार उपचुनाव के लिए मतदाता सूची में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण तमिलनाडु में 2006 में किया गया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के प्रावधानों का हवाला देते हुए अधिकारियों ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश दिये जाने पर प्रत्येक चुनाव और उपचुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन किया जाना चाहिए। उन्होंने कानून का हवाला देते हुए कहा कि यदि मतदाता सूची में संशोधन नहीं किया जाता है, तो उक्त मतदाता सूची की वैधता प्रभावित नहीं होगी। वर्तमान मतदाता सूची की वैधता विशेष संशोधन के पूरा होने तक बरकरार रहती है।

यह आयोग पर निर्भर करता है कि आवश्यकता के आधार पर मतदाता सूची में संशोधन किया जाना है या नहीं। आयोग ने पिछले महीने घोषणा की थी कि चार राज्यों की पांच विधानसभा सीट पर उपचुनाव 19 जून को होंगे। गुजरात में दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा जबकि केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब में एक-एक सीट पर उपचुनाव होगा। मतगणना 23 जून को होगी। एजेंसियां

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in