सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने देशभर में फिशिंग मैसेज भेजने वाले एक बड़े साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए उसकी गतिविधियों को ठप कर दिया है। इन फर्जी संदेशों के जरिए लोगों को डिजिटल गिरफ्तारी, लोन स्कैम और निवेश धोखाधड़ी जैसे अपराधों में फंसाया जा रहा था। मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
साइबर अपराध की रीढ़ तोड़ने पर केंद्रित ऑपरेशन चक्र-V के तहत CBI ने रोजाना लोगों को मिलने वाले भारी संख्या में फर्जी SMS का अध्ययन किया, जो अक्सर गंभीर वित्तीय धोखाधड़ी का कारण बनते हैं। जांच के दौरान NCR/चंडीगढ़ क्षेत्र से संचालित एक संगठित साइबर गिरोह की पहचान हुई, जो साइबर अपराधियों को बल्क SMS सेवाएं उपलब्ध करा रहा था। यह भी सामने आया कि विदेशी साइबर अपराधी भी भारतीय नागरिकों को ठगने के लिए इसी सेवा का इस्तेमाल कर रहे थे।
प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि दूरसंचार विभाग (DoT) के नियमों का उल्लंघन करते हुए करीब 21,000 सिम कार्ड हासिल किए गए थे। इन सिम कार्ड्स को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए नियंत्रित कर बड़ी संख्या में फर्जी संदेश भेजे जा रहे थे। इन संदेशों में नकली लोन, निवेश के अवसर और अन्य वित्तीय लाभ का लालच देकर लोगों की निजी और बैंकिंग जानकारी चुराने की कोशिश की जाती थी।
DoT के साथ समन्वय और संचार साथी पोर्टल सहित विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर CBI ने निजी कंपनी M/s Lord Mahavira Services India Pvt. Ltd. के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप है कि कंपनी इस अवैध सिस्टम का संचालन कर रही थी, जिससे धोखेबाज पूरे देश में बड़े पैमाने पर फर्जी संदेश भेज पा रहे थे।
दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ के कई ठिकानों पर छापेमारी के दौरान CBI को फिशिंग मैसेज भेजने के लिए इस्तेमाल हो रहा एक पूरा और सक्रिय सिस्टम मिला। इसमें सर्वर, संचार उपकरण, USB हब, डोंगल और हजारों सिम कार्ड शामिल थे। इस सेटअप के जरिए रोजाना लाखों फर्जी संदेश भेजे जा रहे थे।
CBI ने इस कार्रवाई में महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत, बेहिसाबी नकदी और क्रिप्टोकरेंसी भी जब्त की है। शुरुआती निष्कर्षों से यह भी संकेत मिले हैं कि कुछ टेलीकॉम कंपनियों के चैनल पार्टनर और उनके कर्मचारी अवैध रूप से सिम कार्ड उपलब्ध कराने में शामिल थे। अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।