पाँच दिनों बाद सड़क पर उतरी 240 नंबर रूट की बसें

'लेट फाइन' पर गतिरोध जारी !
The buses on route number 240 returned to the roads after five days.
सांकेतिक फोटो
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता: बस मालिकों और बस कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद के बाद पिछले पाँच दिनों से ठप पड़ी 240 नंबर रूट की बस सेवा शनिवार से फिर से शुरू हो गई है। आपसी बातचीत के बाद बसें सड़क पर उतारी गईं, जिससे बागबाजार से सियालदह होते हुए गोल्फ ग्रीन तक यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों को भारी राहत मिली है।

बस सेवा ठप होने से आम यात्रियों को भीषण परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा विवाद बस मालिकों और ड्राइवरों के बीच लगभग 70 लाख रुपये के 'लेट फाइन' (विलंब शुल्क) के हिसाब-किताब को लेकर शुरू हुआ था। बस मालिकों का आरोप था कि उन्हें इस राशि का संतोषजनक हिसाब नहीं मिल रहा था।

240 बस ओनर्स एसोसिएशन के सचिव रणजीत दास पटनायक ने बताया कि बस रूट पर प्रत्येक 3 किलोमीटर के लिए 17 मिनट का समय निर्धारित किया गया है, लेकिन ड्राइवर सेवा देने में 30 से 40 मिनट की देरी कर रहे थे, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही थी। उन्होंने कहा कि इस देरी पर 10 रुपये का जुर्माना भी निर्धारित किया गया था, जिसकी राशि अब लाखों रुपये तक पहुँच चुकी है।

बस मालिकों ने कहा नुकसान और यात्रियों की परेशानी को नहीं सहा जा सकता

बस मालिकों ने हिसाब में गड़बड़ी का आरोप लगाया, जबकि ड्राइवरों ने कथित तौर पर अपना कमीशन न मिलने की शिकायत की थी।

रणजीत दास पटनायक ने पुष्टि की कि दोनों पक्षों के बीच फिलहाल बातचीत हो गई है, जिसके बाद बसों को आज रूट पर उतारा गया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि देरी पर जुर्माना लगाने की उनकी माँग अभी भी जारी रहेगी, क्योंकि व्यवसाय में लाखों रुपये का निवेश करने के बाद वे और नुकसान नहीं उठा सकते।

वहीं, स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के पार्षद और 240 नंबर बस रूट की यूनियन के प्रमुख बापी घोष ने बताया कि बस ड्राइवरों ने लेट फाइन को बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर आगे बात की जाएगी। फिलहाल बसें चलने से यात्रियों को बड़ी राहत मिली है, लेकिन लाखों रुपये के जुर्माने का यह गतिरोध अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।

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