जन-जन तक राशन कार्ड पहुंचाना ममता सरकार का लक्ष्य : खाद्यमंत्री रथिन घोष
मुख्यमंत्री का लक्ष्य प्रदेश के हर जरूरतमंद को मिले रियायती दरों पर खाद्यान्न
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में जन-जन तक राशन-कार्ड पहुंचाना ममता सरकार का लक्ष्य है। गरीब और अति गरीब लोगों को खाने के लिए राज्य सरकार रियायती दरों पर खाद्यान्न खरीदने में मदद कर रही है। जो अभी तक इस सुविधा से किसी कारण वंचित हैं उन तक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने राशन कार्ड आवेदन की प्रक्रिया को काफी सरल कर दिया है। यह बात राज्य के खाद्य मंत्री रथिन घोष ने सन्मार्ग से कही। उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य में 8,63,08,570 राशन कार्ड जारी किए गए हैं। जो राशन कार्ड नहीं बनवा पाए हैं, उनको कार्ड बनाने के लिए विभिन्न शिविरों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है। आवेदन प्रक्रिया में किसी तरह की परेशानी आने पर विशेष शिविरों में उनकी मदद भी की जाती है। उन्होंने बताया कि राज्य की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी का लक्ष्य प्रदेश के जरूरतमंद हर व्यक्ति के पास राशन कार्ड के माध्यम से राशन पहुंचाना है।
एनएफएसए राशन कार्ड भी है एक महत्वपूर्ण दस्तावेज
राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य की आधिकारिक जनसंख्या 10 करोड़ 25 लाख है। लेकिन माना जा रहा है कि यह जनसंख्या 11 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। नया सर्वे होने पर जनसंख्या का आधिकारिक रिकार्ड मिलेगा। उन्होंने बताया कि राशन कार्ड का पूरा नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) है। एनएफएसए के तहत राशन कार्ड जारी किए जाते हैं। राशन कार्ड उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खाद्यान्न खरीदने में मदद करते हैं। एनएफएसए राशन कार्ड भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो पहचान के लिए आवश्यक है।
आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब परिवारों को ये कार्ड देती है बंगाल सरकार
अधिकारी के मुताबिक, बंगाल सरकार एनएफएसए, नन एनएफएसए और जनरल श्रेणियों के तहत पूरे राज्य में राशन कार्ड आवंटन करती है। एनएफएसए में दो श्रेणी बनाई गई है-अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता वाले परिवार (पीएचएच)। पीएचएच को भी दो भागों में बांटा गया है- पीएचएच और एसपीएचएच। नन एनएफएसए श्रेणी के तहत आरकेएसवाई-I (गरीबी रेखा से ऊपर) और आरकेएसवाई-II (गरीबी रेखा से नीचे) के परिवारों को रखा गया है।
जिनके पास स्थिर आय नहीं उनको मिलते हैं ये राशन कार्ड
एसपीएचएच राशन कार्ड राज्य सरकार द्वारा पहचाने गए गरीब परिवारों को दिया जाता है। आम तौर पर, जिनके पास स्थिर आय नहीं है जैसे कि दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक वे इस कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। आरकेएसवाई-1 राशन कार्ड यह मुख्य रूप से एपीएल (गरीबी रेखा से ऊपर) परिवारों के लिए है। आरकेएसवाई II राशन कार्ड यह मुख्य रूप से बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के लिए है। इन कार्डों के माध्यम से, परिवार राशन की दुकानों से रियायती कीमतों पर चावल, गेहूं, चीनी आदि जैसे खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं।
एएवाई कार्ड धारकों के मिलते हैं ये लाभ
एएवाई राशन कार्ड राज्य सरकार द्वारा पहचाने गए गरीब परिवारों को जारी किया जाता है। बेरोजगार, महिलाएं और बुजुर्ग जैसे नागरिक इस श्रेणी में आते हैं। इस तरह के कार्ड धारकों को प्रति माह 35 किलोग्राम तक खाद्यान्न मिलता है। चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम, गेहूं के लिए 2 रुपये और मोटे अनाज के लिए 1 रुपये की रियायती दर पर खाद्यान्न उपलब्ध है। प्राथमिकता वाले परिवार (पीएचएच) जो परिवार एएवाई में शामिल नहीं हैं, उन्हें पीएचएच में शामिल किया गया है। पीएचएच कार्डधारक प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न पाने के पात्र हैं।
आधार के अलावा अन्य दस्तावेज की आवश्यकता नहीं
विभाग के अधिकारी बताते हैं कि नए राशन कार्ड के लिए आधार कार्ड के अलावा अन्य किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। राशन कार्ड के लिए लोगों को इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है। लोग खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की सरकारी वेबसाइट http://food.wb.gov.in पर जा कर आवेदन कर सकते हैं। दस्तावेजों का सत्यापन होने के साथ ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग कार्ड को स्पीड-पोस्ट के माध्यम से आवेदक के पते पर भेज देता है।