14 साल का इंतजार खत्म: मेसी से मिलकर चाय विक्रेता शिबे पात्रा की आँखें हुईं नम

मेस्सी ने घर की तस्वीर पर दिया ऑटोग्राफ
The 14-year wait is over: Tea vendor Shibe Patra's eyes welled up with tears after meeting Messi.
मेस्सी के ऑटोग्राफ वाली तस्वीर को दिखाते शिबे पात्रा
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता/बैरकपुर : फुटबॉल की दुनिया के महानतम खिलाड़ी लियोनेल मेसी (Lionel Messi) के कोलकाता आगमन ने पूरे बंगाल को उत्साह से भर दिया था। हालाँकि, जहाँ हजारों प्रशंसक अपने पसंदीदा सितारे की सिर्फ एक झलक पाने के लिए तरसते रह गए और कई का सपना अधूरा रह गया, वहीं बैरकपुर के इच्छापुर-नवाबगंज के निवासी शिबे पात्रा का 14 साल पुराना अथक प्रयास और सपना आखिरकार पूरा हो गया। पेशे से चाय विक्रेता शिबे पात्रा की आज कोलकाता के आलीशान होटल हयात में फुटबॉल के 'भगवान' लियोनेल मेसी से मुलाकात हुई।

शिबे पात्रा, जो दशकों से मेसी को अपना भाई मानते आए हैं, अपनी इस मुलाकात के दौरान भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए। जब उनकी मुलाकात अपने हीरो से हुई, तो उनकी आँखें खुशी से नम हो गईं। उनकी भावुकता यह दर्शाती है कि मेसी के लिए उनका प्रेम और जुनून कितना गहरा है। शिबे ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "मेरा जीवन भर का सपना पूरा हो गया।"

खास उपहार और यादगार ऑटोग्राफ

शिबे पात्रा इस ऐतिहासिक मुलाकात के लिए खाली हाथ नहीं गए थे, बल्कि विशेष तैयारी करके पहुंचे थे। वह अपने साथ मेसी के प्रति अपने अटूट समर्पण के प्रतीक के रूप में कई निजी वस्तुएं लेकर गए थे:

  1. पारिवारिक तस्वीर: वह अर्जेंटीना की जर्सी पहने हुए अपने परिवार की एक तस्वीर साथ लाए थे।

  2. रंगे हुए घर की तस्वीर: सबसे खास उपहार के तौर पर, वह अपने उस घर और दुकान की तस्वीर लेकर आए थे, जिसे उन्होंने मेसी के प्रति प्यार दिखाते हुए अर्जेंटीना के नीले और सफेद रंगों में रंगवाया हुआ है।

शिबे ने बताया कि मेसी ने उनके घर की तस्वीर पर ऑटोग्राफ दिया, जिसे वह अब अपने जीवन की सबसे अनमोल संपत्ति मानते हैं। यह ऑटोग्राफ न केवल एक हस्ताक्षर है, बल्कि एक ऐसे प्रशंसक के जुनून की स्वीकृति है जिसने वर्षों तक दूर से ही अपने हीरो को पूजा है।

अटूट समर्पण की कहानी

शिबे पात्रा का जुनून केवल आज की मुलाकात तक सीमित नहीं है। वह हर साल मेसी का जन्मदिन पूरे धूमधाम से मनाते हैं। इस बार भी, उन्होंने मेसी की वर्तमान आयु के बराबर पाउंड का केक काटकर अपना स्नेह व्यक्त किया था। चाय बेचते हुए, एक साधारण जिंदगी जीने वाले शिबे पात्रा ने अपने वर्षों के इंतजार और मेहनत को इस छोटी-सी मुलाकात में सफल होते देखा। भले ही यह बातचीत केवल कुछ मिनटों की रही, शिबे पात्रा के लिए यह क्षण अनमोल और अविस्मरणीय बन गया है।

उनकी यह कहानी उन सभी प्रशंसकों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने नायकों से मिलने का सपना देखते हैं।

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