पाक को बेनकाब करने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजेगी सरकार

अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और यूएई का दौरा करेंगे भारतीय सांसद, थरूर, ओवैसी भी रहेंगे शामिल
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लोकसभा सांसद शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी
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नयी दिल्ली : सरकार पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में चलाये गये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आक्रामक राजनयिक अभियान के तहत वैश्विक स्तर पर भारत के पक्ष को मजबूती से रखने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए अगले सप्ताह से विभिन्न देशों में कई बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी। सरकार ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों से इसके लिए आह्वान किया है और कुछ दलों ने राजनयिक प्रयास के लिए अपने सदस्यों को भेजने की मंजूरी भी दे दी है।

प्रतिनिधिमंडल 10 दिन के लिए करेंगे विभिन्न देशों का दौरा

सरकार सभी दलों के चुनिंदा सांसदों को 22 मई से 10 दिन के लिए 5 देशों में भेज रही है। सूत्रों के अनुसार 5-6 सांसदों के कुल 8 समूह अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जायेंगे। वहां की सरकार को आतंकवाद पर भारत का पक्ष बतायेंगे। अलग-अलग दलों के वरिष्ठ सांसद विदेश दौरे पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के समूहों का नेतृत्व करेंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों या उनके सदस्यों की संख्या को लेकर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है हालांकि कुछ नेताओं ने कहा कि 30 से अधिक सांसद हो सकते हैं।

विदेश मंत्रालय देगा सांसदों को पूरी जानकारी

विदेश मंत्रालय इस राजनयिक मिशन के लिए रवाना होने से पहले सांसदों को पूरी जानकारी देगा। सूत्रों ने बताया कि जिन पार्टियों के सांसद प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे उनमें भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राकांपा (एसपी), जदयू, बीजद, माकपा और कुछ अन्य शामिल हैं। इस राजनयिक प्रयास का हिस्सा बनने वाले एक नेता ने कहा कि उन्हें 22-23 मई तक 10 दिन की अवधि के लिए रवाना होने के लिए तैयार रहने को कहा गया है और विदेश मंत्रालय यात्रा कार्यक्रम सहित आवश्यक विवरण प्रदान करने के लिए उनके संपर्क में रहेगा।

प्रतिनिधिमंडलों के संभावित सदस्य

सूत्रों ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और ओडिशा से भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा बनने वाले सत्तारूढ़ दल के सदस्यों में शामिल हैं। सरकार ने इस कूटनीतिक कवायद के बारे में कांग्रेस के कम से कम चार सांसदों के अलावा अन्य सांसदों को भी अवगत करा दिया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार की सूची में शामिल कांग्रेस सांसदों में शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह शामिल हैं और पार्टी ने पुष्टि की है कि वे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, जदयू के संजय झा, बीजद के सस्मित पात्रा, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, द्रमुक की के कनिमोझी, माकपा के जॉन ब्रिटास और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी को भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए कहा जा रहा है। इस मामले पर फिलहाल सरकार की तरफ से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है।

प्रधानमंत्री ने अचानक लिया फैसला : कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने इस बारे में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की है। रमेश का कहना है कि अब अचानक प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख समझाने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का फैसला किया है। कांग्रेस हमेशा राष्ट्रीय हित के साथ खड़ी होती है और कभी भी भाजपा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है। इसलिए, कांग्रेस निश्चित रूप से इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी।

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