

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बनगांव : मतुआ समुदाय के सबसे पवित्र स्थल ठाकुरबाड़ी में बुधवार को उस समय भारी हिंसा भड़क उठी जब केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर के एक कथित विवादास्पद बयान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला कर दिया गया। देखते ही देखते पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों को सड़क पर पटक-पटक कर बेरहमी से पीटा गया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में प्रकाशित हुई मतदाता सूची (Voter List) के मसौदे में मतुआ बहुल इलाकों से बड़ी संख्या में नाम कटने की खबर सामने आई थी। इसे लेकर समुदाय के भीतर पहले से ही असंतोष था। इस बीच कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान कि अगर 50 लाख रोहिंग्या मुसलमानों के नाम हटाने की प्रक्रिया में हमारे 1 लाख लोगों के नाम कट जाते हैं, तो हमें इतना सहन करना चाहिए, को लेकर भी मतुआ भक्तों के एक वर्ग में गुस्सा और बढ़ गया, जिन्हें अब फिर से अपनी नागरिकता और भविष्य को लेकर डर सताने लगा है। आरोप है कि इसी बयान के विरोध में बुधवार को 'ऑल इंडिया मतुआ संघ' की ओर से मंत्री के आवास के सामने विरोध प्रदर्शन और मार्च का आयोजन किया गया था। संघ के सदस्यों का दावा है कि जैसे ही वे मार्च निकालते हुए आगे बढ़े, उन पर अचानक हमला बोल दिया गया। घटना के समय शांतनु ठाकुर घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन इस हिंसक झड़प के बाद पूरे ठाकुरबाड़ी परिसर में तनाव व्याप्त हो गया है।
लगाये गये राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
राज्यसभा सांसद ममता बाला ठाकुर ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। उन्होंने कहा, 'मतुआ समुदाय के साथ सरासर धोखा हुआ है। कैंपों के जरिए मतुआ कार्ड और धार्मिक प्रमाण पत्र लेने के बावजूद उनके नाम सूची से हटा दिए गए। जब लोग इसका जवाब मांगने गए, तो उन्हें पीटा गया।' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस हिंसक घटना के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने आरोप लगाया कि उनके बयान को तृणमूल ने तोड़ मरोड़कर पेश किया है। अफवाहें फैलायी गयी हैं। फिलहाल यहां की स्थिति पर पुलिस नजर बनाये हुए है।