पाकिस्तान में 2025 में आतंकी घटनाओं में 25 फीसदी वृद्धि हुई: थिंक टैंक

इस साल जनवरी से नवंबर तक पाकिस्तान में आतंकी वारदातों में हिंसक घटनाओं में 3,187 मौतें हो चुकी हैं।
पाकिस्तान में 2025 में आतंकी घटनाओं में 25 फीसदी वृद्धि हुई: थिंक टैंक
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कराचीः भारत में आतंकवादियों को प्रश्रय देकर पाकिस्तान अपना हित साधने की कोशिश करता है, लेकिन ऐसा करने वह खुद अपना हाथ जलाता भी है। वह खुद सबसे बड़ा आतंकवादी घटनाओं का शिकार देश है।

आतंकवाद से जूझ रहे पाकिस्तान में 2025 में हिंसा संबंधी घटनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा खैबर पख्तूनख्वा सबसे बुरी तरह प्रभावित प्रांत रहा। यहां एक थिंक टैंक की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।

हिंसा में कुल मिलाकर 25 प्रतिशत की वृद्धि

इस्लामाबाद स्थित ‘सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस)’ के अनुसार, इस साल जनवरी से नवंबर तक हिंसक घटनाओं में 3,187 मौतें हुई जिनमें 96 प्रतिशत से अधिक मौतें खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुईं तथा 92 प्रतिशत ऐसी घटनाएं भी इन्हीं दोनों प्रांतों की हैं।

गैर-लाभकारी, स्वतंत्र थिंक टैंक सीआरएसएस द्वारा बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘(इस साल) नवंबर तक हिंसा में कुल मिलाकर 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिसके परिणामस्वरूप 3,187 मौतें हुईं। 2024 में 2,546 लोगों की जान गयी थी यानी मौतों में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’’

खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे प्रभावित

पाकिस्तान में 2024 में हिंसक घटनाओं में 2,546 मौतें हुईं और 1981 लोग घायल हुए। इन आंकड़ों में आतंकवाद-रोधी अभियानों में मारे गए नागरिक, सुरक्षाकर्मी और आतंकवादी शामिल हैं। ये मौतें हिंसा की 1,188 दर्ज घटनाओं में हुईं, जिनमें आतंकवादी हमले और आतंकवाद-रोधी अभियान शामिल हैं। ये मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में केंद्रित थे।

देश में सुरक्षा परिदृश्य की निगरानी के लिए नागरिक संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा स्थापित सीआरएसएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान के साथ झड़पों और तनावपूर्ण संबंधों के बाद, खैबर पख्तूनख्वा में हाल के महीनों में हिंसा अपने चरम पर रही है।

टीटीपी से बेहाल है पाकिस्तान

पाकिस्तान सरकार प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर नवंबर 2022 में युद्धविराम समझौते के समाप्त होने के बाद आतंकवादी हमले करने का आरोप लगाती रही है। खैबर पख्तूनख्वा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा, जहां कुल मौतों का लगभग 68 प्रतिशत (2,165) और हिंसा की 62 प्रतिशत (732) घटनाएं हुईं। उसके बाद बलूचिस्तान का स्थान आता है जहां कुल मौतों का 28 प्रतिशत (896) और हिंसक घटनाओं की 30 प्रतिशत से अधिक (366) घटनाएं हुईं।

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