कोलकाता: अब 'दागी अयोग्य' शिक्षकों को भी मिलेगा काम, सीएम ममता बनर्जी ने दिया आश्वासन। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2016 की एसएससी परीक्षा से नियुक्त 25,735 शिक्षकों की नौकरी चली गई है। हाल ही में स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) ने 1,804 लोगों की ‘दागी अयोग्य’ सूची भी जारी की। इस परिस्थिति में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को धनधान्य प्रेक्षागृह से प्रभावित शिक्षकों और अभ्यर्थियों के लिए बड़ा संदेश दिया।
ग्रुप सी श्रेणी में मिल सकता है मौका
शिक्षक दिवस के अवसर पर ममता ने कहा, 10 साल तक शिक्षक के रूप में काम करने के बाद भी जिनको आज अयोग्य ठहराया गया है, उनके लिए हम वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था करेंगे। इस पर कानूनी सलाह ली जा रही है। हालांकि, अदालत के निर्देश के अनुसार शायद वे अब शिक्षक नहीं बन पाएंगे, लेकिन उन्हें कम से कम ग्रुप-सी की नौकरी मिले, इसके लिए हम व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं उन्हें निराश न होने की सलाह दूंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने पहले ही प्रभावित उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि वे दोबारा परीक्षा देकर रोजगार का अवसर पा सकें। मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि 2-3 महीने के भीतर इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाए।
राज्य में 56 हजार शिक्षक पद खाली हैं
ममता ने कहा कि राज्य में अभी 56 हजार शिक्षक पद खाली हैं, जिनमें से 35,726 पदों के लिए विज्ञापन जारी हो चुका है और करीब 21 हजार पद रिक्त हैं। लेकिन कानूनी जटिलताओं के कारण नियुक्ति प्रक्रिया अटकी हुई है। कुछ लोगों ने कानून को तोड़-मरोड़ कर स्थिति को इस मुकाम तक पहुंचा दिया। इसके लिए मैं अदालत को दोष नहीं दूंगी, बल्कि हमारी ही प्रणाली में कुछ लोग हैं जिनकी वजह से ऐसा हो रहा है। इस कारण कितने ही लोगों का भविष्य बर्बाद हो गया।
स्कूल छोड़ने की दर लगभग 'शून्य' है
सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि अब तक 1.5 लाख से अधिक शिक्षकों और गैर-शिक्षकीय कर्मियों की नियुक्ति हो चुकी है। इसके अलावा 10 हजार से ज्यादा प्राध्यापक और प्राचार्य नियुक्त हुए हैं। विश्वविद्यालयों की संख्या 12 से बढ़कर 47 हो गई है और 14 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं। ममता ने कहा कि कन्याश्री, मेधाश्री और अन्य योजनाओं से राज्य में स्कूल छोड़ने की दर लगभग 'शून्य' पर आ गई है। उन्होंने प्रभावित उम्मीदवारों को संदेश दिया कि वे निराश न हों, सरकार उनके साथ खड़ी है।