

कोलकाता : खुद को दिल्ली कस्टम्स विभाग का अधिकारी बताकर महानगर के एक प्रख्यात स्कूल की पूर्व शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 1.45 करोड़ रुपये ठग लिये गए। घटना अलीपुर थाना इलाके की है। मामले की जांच कर रही कोलकाता पुलिस की साइबर क्राइम थाखा ने ठगी किए गए रुपयों में से 1.20 करोड़ रुपये बरामद कर शिकायतकर्ता को वापस कर दिये हैं। साइबर क्राइम थाना के अधिकारी घटना में शामिल जालसाजों का पता लगा रहे हैं। साथ ही ठगी के शेष रुपयों को भी उद्धार करने का प्रयास जारी है। कोलकाता पुलिस ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया पर ठगी का शिकार हुई महिला का वीडियो साझा किया जिन्होंने डिजिटल अरेस्ट घटना की आपबीती सुनाई और पुलिस अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।
दक्षिण कोलकाता के एक प्रख्यात स्कूल की सेवानिवृत्त शिक्षिका नजीरा गांगजी ने बताया कि पिछले साल 19 सितंबर को उन्हें एक मोबाइल कॉल आया जहां टी सुमित नाम के एक व्यक्ति ने कहा कि वह नई दिल्ली एयरपोर्ट कस्टम्स विभाग में कार्यरत है। अभियुक्त ने बताया कि उनके नाम पर दर्ज एक पार्सल को जब्त किया गया है जो मलेशिया भेजा जा रहा था। पार्सल में कई पासपोर्ट, एटीएम कार्ड्स और 148 मिग्रा ड्रग्स हैं। कॉलर ने शिक्षिका को अपने वरिष्ठ कथित अधिकारी सुनील कुमार और मिलिंद बरांगडे से बात करवाई। मिलिंद ने नजीरा पर मानसिक दबाव बनाते हुए कहा कि उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग, मानव तस्करी और ड्रग तस्करी जैसे गंभीर अपराध किए हैं। इन अपराधों के लिए उन्हें 3 से 7 साल की जेल हो सकती है। ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें मोटी रकम अदा करनी होगी। उन्होंने शिक्षिका से उनके एक निजी बैंक खाते से 1.30 करोड़ रुपये और सरकारी बैंक खाते से 15 लाख रुपये एक अन्य निजी बैंक खाते में ट्रांसफर करने को कहा। मानसिक दबाव के चलते नजीरा ने यह रकम ट्रांसफर कर दी। बाद में उन्हें एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो चुकी है। उनकी एक दोस्त की सलाह पर उन्होंने अलीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उनकी शिकायत साइबर सेल (दक्षिण डिविजन) को भेज दी। सार्जेंट चक्रवर्ती और उनकी टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए ठगी की कुल रकम में से 1.20 करोड़ रुपये की राशि का पता लगाकर उसे नजीरा को वापस दिला दी। पुलिस ने शेष राशि को भी जल्द बरामद करने का आश्वासन दिया है।