

सन्मार्ग संवाददाता
नागराकाटा : उत्तर बंगाल के चाय बागानों में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। इस विषय को लेकर गत गुरुवार को सिलीगुड़ी स्थित उत्तरकन्या में चाय व्यवसायी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें अपारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग के मंत्री मोहम्मद गुलाम रब्बानी और अतिरिक्त मुख्य सचिव वरुण कुमार राय उपस्थित थे। सभी चाय व्यापारिक संगठनों ने इस पहल का खुले मन से स्वागत किया। नवीकरणीय ऊर्जा में चाय बागानों में मुख्य रूप से जिन स्रोतों का उपयोग संभव है, उनमें सौर ऊर्जा और जल विद्युत प्रमुख हैं। पहाड़ी क्षेत्रों के कुछ बागानों में जल विद्युत और डुआर्स क्षेत्र में फिलहाल कुछ सौर ऊर्जा परियोजनाएं अपने व्यक्तिगत प्रयासों से संचालित हो रही हैं। यदि राज्य सरकार इस दिशा में सहयोग प्रदान करे तो पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उपयोग के साथ-साथ संकटग्रस्त चाय बागानों को आर्थिक दृष्टिकोण से भी दीर्घकालिक राहत मिल सकती है। चाय उद्योग से जुड़े व्यवसायियों और संगठन प्रतिनिधियों की बैठक में पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से यह विस्तार से दिखाया गया कि किस प्रकार चाय बागान नवीकरणीय ऊर्जा से लाभान्वित हो सकते हैं। विभाग का मानना है कि चूंकि चाय बागानों में एक साथ पर्याप्त खुली भूमि उपलब्ध होती है, इसलिए विशेष रूप से सौर ऊर्जा परियोजनाएं अत्यंत प्रभावी साबित हो सकती हैं।
गुडरिक के मैनेजिंग डायरेक्टर ने यह कहा
चाय उद्योग की नामी संस्था गुडरिक के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण नारायण सिंह ने कहा कि राज्य की भूमिका अत्यंत सकारात्मक है। हमने मिलकर काम करने की इच्छा जताई है। गुडरिक के जनरल मैनेजर जीवन पांडे के अनुसार वर्तमान में बिजली शुल्क काफी अधिक है, जिससे बागानों को भारी खर्च वहन करना पड़ता है। हमारी थार्बो, कैसल्टन, मार्गरेट होप्स जैसे पहाड़ी बागानों में जलप्रपातों के जल का उपयोग कर 100 किलोवाट की जल विद्युत परियोजना चल रही है, लेकिन उसकी क्षमता बढ़ाने और कम वर्षा के समय में उसे चालू रखने के लिए आधुनिक टरबाइन की आवश्यकता है। यदि राज्य सरकार सहयोग करती है तो यह कार्य अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। विभाग ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।
यह कहा टीआईपीए के चेयरमैन ने
तराई इंडियन प्लांटर्स एसोसिएशन (टीआईपीए) के चेयरमैन महेंद्र बंसल ने कहा कि बैठक में सौर ऊर्जा के विभिन्न मॉडल दिखाए गए, जिससे हम बहुत आशावादी हैं। अगर नवीकरणीय ऊर्जा का पूर्ण रूप से उपयोग शुरू किया जा सके तो अतिरिक्त बिजली को पश्चिम बंगाल राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड या पावर ग्रिड को उचित मूल्य पर बेचा जा सकता है या उसे उनके बिजली बिलों में समायोजित किया जा सकता है। ऐसी मांग हमने मंत्री के समक्ष रखी है। उन्होंने सभी पहलुओं की जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। देश की प्रमुख चाय व्यापारिक संस्था इंडियन टी एसोसिएशन (आईटीए) के राष्ट्रीय सचिव देवाशीष चक्रवर्ती ने कहा कि सरकार की इस पर्यावरण अनुकूल सोच को जनोन्मुखी बनाने के लिए हमने बागान स्तर पर बातचीत शुरू कर दी है। शुक्रवार की बैठक में अन्य प्रमुख लोगों में आईटीए की डुआर्स शाखा के सचिव शुभाशीष मुखर्जी, तराई शाखा के सचिव राणा डे, टीआईपीए की ओर से अभिजीत चट्टोपाध्याय, टीआईई की उत्तर बंगाल शाखा के सचिव सुमित घोष, टीआईपीए के सचिव मलय मैत्रा और वरिष्ठ चाय उद्योगपति शिव कुमार सारिया व अन्य उपस्थित थे।