कोलकाता : साल 2024 का अंतिम सूर्यग्रहण 2 अक्टूबर को अमावस्या तिथि पर होने जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है। यह ग्रहण कन्या राशि के हस्त नक्षत्र में लगेगा और इसे दुनियाभर के कई देशों में देखा जा सकेगा। इस बार का ग्रहण कंकण सूर्यग्रहण होगा, जो लोगों में कई प्रकार के सवाल खड़े कर रहा है।
सूर्य ग्रहण का समय
आरंभ: 2 अक्टूबर की रात 9:13 बजे (भारत के समय)
समापन: 2 अक्टूबर की मध्य रात्रि 3:17 बजे
ग्रहण की अवधि: 6 घंटे 4 मिनट
कंकण का प्रारंभ: रात 10:21 बजे
सूर्य ग्रहण कहां दिखाई देगा?
यह सूर्यग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, चिली, अर्जेंटीना, ब्राजील, मैक्सिको, पेरू, एटलांटिक और प्रशांत महासागरों के अलावा अमेरिका के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों में कुछ समय के लिए दिखाई देगा। कंकण सूर्यग्रहण केवल दक्षिणी चिली और दक्षिणी अर्जेंटीना में ही स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।
क्या भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा?
भारत में यह सूर्यग्रहण दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जब यह ग्रहण शुरू होगा, तब भारत में रात हो चुकी होगी और सूर्य अस्त हो चुके होंगे। इस कारण, भारत में इसके सूतक काल का भी कोई महत्व नहीं है। सूतक काल उन क्षेत्रों में मान्य होता है जहां ग्रहण दिखाई दे रहा हो।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें?
हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन आप 3 अक्टूबर की सुबह कुछ कार्य कर सकते हैं:
गंगाजल छिड़कें: घर में गंगाजल छिड़ककर शुद्धता बढ़ाएं।
मंदिर की सफाई: मंदिर की साफ-सफाई करें, खासकर नवरात्रि के अवसर पर।
पूजा और दान: पूजा-अर्चना करें और जरूरतमंदों को दान दें।
इन उपायों के माध्यम से आप ग्रहण के बाद सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।