

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने धोखाधड़ी मामले के एक अभियुक्त की जमानत याचिका पर सुनवायी इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 27 बार स्थगित करने पर गुरुवार को नाराजगी जताते हुए याची को राहत प्रदान की।
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह के पीठ ने सवाल किया कि उच्च न्यायालय व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मामले में जमानत याचिका पर सुनवायी को 27 बार कैसे स्थगित कर सकता है? केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामले में लक्ष्य तवर को जमानत प्रदान करते हुए शीर्ष न्यायालय ने मामले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बंद कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने तवर की याचिका पर सीबीआई को नोटिस भी जारी की और कहा कि इस मामले में केवल एक ही मुद्दा बचा था, उच्च न्यायालय में मामले का बार-बार स्थगन।
पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय सामान्यत: किसी मामले की सुनवाई में स्थगन के खिलाफ याचिका पर विचार नहीं करता। पीठ ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामले में उच्च न्यायालय से यह अपेक्षित नहीं है कि वह मामले को लंबित रखे और उसे 27 बार स्थगित करे। उच्च न्यायालय ने ग्त 20 मार्च को जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी और निचली अदालत को उसकी (अभियुक्त) याचिका पर पुनर्विचार करने से पहले न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया था।