सिल्क्यारा सुरंग में सफलता मिली : धामी

सफलता मिलने के बाद आयोजित किया गया एक समारोह
सिल्क्यारा सुरंग में सफलता मिली : धामी
Published on

सिल्क्यारा (उत्तराखंड) : ‘सिल्क्यारा बेंड-बरकोट रोड’ सुरंग में दोनों तरफ से खुदाई पूरी होने के साथ बुधवार को बड़ी सफलता मिली। इसी सुरंग में 2023 में 41 श्रमिक दो सप्ताह से अधिक समय तक फंसे रहे थे।

सफलता मिलने के बाद आयोजित किया गया समारोह

सफलता मिलने पर एक समारोह आयोजित किया गया। इस दिन सुरंग के मुहाने पर बाबा बौखनाग मंदिर का अभिषेक समारोह भी हुआ। दोनों समारोहों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि 2023 में सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाबा बौखनाग के आशीर्वाद के कारण बचाया जा सका और देवता के नाम पर सुरंग का नाम बदलने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

क्या कहा पुष्कर सिंह धामी ने ?

पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग स्थल पर दोनों कार्यक्रमों के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में उपस्थित लोगों से कहा, ‘बाबा बौखनाग की पूजा करने के केवल तीन दिन बाद, दुनिया के सबसे लंबे और सबसे चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान में सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया। यह बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से संभव हुआ जो किसी चमत्कार से कम नहीं था।’ उन्होंने लंबे समय तक जारी बचाव अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए उनको भी धन्यवाद दिया। चारधाम यात्रा के मद्देनजर 4.531 किलोमीटर लंबी यह सुरंग काफी महत्वपूर्ण है।

दो लेन की दो दिशा वाली इस सुरंग का निर्माण लगभग 853 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। धामी ने कहा कि सुरंग के पूरा होने पर गंगोत्तरी और यमुनोत्तरी धाम के बीच की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी और तीर्थयात्रियों के लिए चारधाम यात्रा अधिक सुविधाजनक हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘सुरंग के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में केवल पांच मिनट लगेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।’ राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के एमडी कृष्ण कुमार ने कहा कि सुरंग को पूरी तरह से चालू होने में लगभग 15-18 महीने और लगेंगे।

उन्होंने कहा कि 2023 के भूस्खलन के बाद 17 दिनों की कठिन परीक्षा से गुजरने वाले 41 श्रमिकों में से 15-16 अब भी सुरंग में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सुरक्षित निकालने से लेकर सुरंग का काम पूरा होने तक यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण परियोजना थी। निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर, 2023 को श्रमिक उसके अंदर फंस गए थे। उन्हें 28 नवंबर को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in