तोक्यो : रूस के सुदूर पूर्व में बुधवार तड़के आये 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने सारी दुनिया को ‘हिला’ दिया। मार्च 2011 के बाद दुनिया में आये इस सबसे शक्तिशाली भूकंप के कारण जापान, अमेरिका के हवाई और प्रशांत महासागर में सुनामी की लहरें उठीं। भूकंप के कारण उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में सुनामी आ गयी और अमेरिका के अलास्का एवं हवाई तथा न्यूजीलैंड के दक्षिण में इसकी चेतावनी जारी की गयी। अमेरिका में हवाई की राजधानी होनोलूलू में सुनामी की चेतावनी के सायरन बजने लगे और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया।
जापान ने भी चेतावनी को ‘कम’ किया
हालांकि सुनामी के कारण अभी तक कोई बड़ा नुकसान होने की खबर नहीं है जिसे देखते हुए रूस के अधिकारियों ने सुनामी की चेतावनी रद्द कर दी है हालांकि उनका कहना है कि अब भी कुछ खतरा बना हुआ है। जापान ने भी सुनामी को लेकर अपनी पिछली चेतावनी को कम कर दिया है। यह चेतावनी देश के उत्तरी भाग के लिए थी। भूकंप के बाद प्रशांत तट के लिए भी सुनामी की चेतावनी जारी की गयी।
भूकंप के केंद्र के पास बंदरगाहों में पानी भर गया
रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के केंद्र के पास स्थित बंदरगाहों में पानी भर गया जिससे निवासियों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा। हवाई प्रांत की राजधानी में सड़कों और राजमार्गों पर जाम लग गया। यहां तक कि तटरेखा से दूर के इलाकों में भी यातायात ठप हो गया। जापान के प्रभावित इलाकों में लोगों को बचाव केंद्रों में स्थानांतरित किया गया। इस भूकंप ने 2011 में आये भूकंप और सुनामी की यादें ताजा कर दी। जापान में लगभग 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाये जाने की सलाह दी गयी है।
जापान में मार्च, 2011 में आया था 9.0 तीव्रता का भूकंप
उत्तर-पूर्वी जापान में मार्च, 2011 में आये भूकंप की तीव्रता 9.0 मापी गयी थी और इसके कारण भीषण सुनामी आयी थी। इस सुनामी ने फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र की शीतलन प्रणालियों को निष्क्रिय कर दिया था। रूसी प्राधिकारियों ने बताया कि कामचटका प्रायद्वीप पर आये भूकंप के कारण कई लोग घायल हुए हैं लेकिन उन्होंने कोई संख्या नहीं बतायी। कामचटका में 10 से 13 फुट ऊंची, जापान के उत्तरी द्वीप होक्काइडो में लगभग 2.8 फुट, अलास्का के अल्यूशियन द्वीप समूह में ज्वार के स्तर से 1.4 फुट तक ऊंची लहरी उठीं। हवाई और ओरेगन ने निवासियों को भी संभावित नुकसान की चेतावनी दी गयी।
कई घंटों तक रह सकता सुनामी का प्रभाव
अलास्का स्थित राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र के समन्वयक डेव स्नाइडर ने बताया कि सुनामी का प्रभाव कई घंटों या शायद एक दिन से भी अधिक समय तक रह सकता है। उन्होंने कहा कि सुनामी केवल एक लहर नहीं होती। यह लंबे समय तक चलने वाली शक्तिशाली लहरों की एक शृंखला होती है। सुनामी एक विमान की गति से सैकड़ों मील प्रति घंटे की रफ्तार से समुद्र पार करती है लेकिन जब वे किनारे के पास पहुंचती हैं, तो उनकी गति धीमी हो जाती है और वहां वे एकत्र होने लगती हैं। क्षेत्र के ‘डूबने’ की आशंका यहीं अधिक होती है। क्योंकि पृथ्वी मूलतः समुद्र के पार पानी की विशाल लहरें भेजती है तो इस मामले में ये लहरें काफी समय तक आगे-पीछे बहती रहेंगी।
न्यूजीलैंड, कनाडा, अमेरिका ने भी जारी की चेतावनी
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत, अमेरिका के वाशिंगटन और कैलिफोर्निया तक फैले पश्चिमी तट के अधिकतर भाग में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गयी। जापानी और अमेरिकी भूकंप विज्ञानियों ने बताया कि जापानी समयानुसार सुबह आठ बजकर 25 मिनट पर आये भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 8.0 थी। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बाद में बताया कि तीव्रता 8.8 थी और यह 20.7 किलोमीटर की गहराई पर आया।
इसके बाद 6.9 तीव्रता के कई शक्तिशाली झटके आये
यह भूकंप रूसी शहर पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 119 किलोमीटर दूर आया। इस शहर की आबादी 1,80,000 है। इसके बाद 6.9 तीव्रता के भूकंप बाद के कई शक्तिशाली झटके महसूस किये गये। रूस में सेवेरोकुरिल्स्क के मेयर अलेक्जेंडर ओव्स्यानिकोव ने बताया कि शहर में बंदरगाह में पानी भर गया और मछलियां पकड़ने में इस्तेमाल की जाने वाली नौकाएं समुद्र में बह गयीं। शहर में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन बाढ़ के बाद बिजली आपूर्ति ठप हो गयी। कामचटका में चार नंवबर 1952 को आये 9.0 तीव्रता के भूकंप के कारण भारी क्षति हुई थी।