जातिगत गणना पर कार्यसमिति की मांगों को पुरजोर ढंग से उजागर करें: कांग्रेस

प्रदेश इकाइयों को निर्देश
जातिगत गणना पर कार्यसमिति की मांगों को पुरजोर ढंग से उजागर करें: कांग्रेस
Published on

नई दिल्ली : कांग्रेस ने अपनी प्रदेश इकाइयों को निर्देश दिया है कि वो जातिगत गणना जल्द कराने, निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने, सामाजिक न्याय के प्रति पार्टी एवं राहुल गांधी के प्रयासों समेत कार्य समिति द्वारा की गयी सभी मांगों को ‘संविधान बचाओ रैली’ में पुरजोर ढंग से उजागर करें। अहमदाबाद अधिवेशन में लिए गए फैसले के तहत कांग्रेस इन दिनों स्थानीय स्तर पर ‘संविधान बचाओ रैली’ का आयोजन कर रही है।

कांग्रेस कार्य समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में जातिगत गणना को लेकर पारित प्रस्ताव में कुछ मांगें की गयी थीं। कार्य समिति ने कहा था, ‘संविधान के अनुच्छेद 15(5) को तत्काल लागू किया जाए ताकि ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदायों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिल सके। जाति जनगणना में किसी भी प्रकार की देरी, बहानेबाजी या प्रशासनिक टालमटोल नहीं की जानी चाहिए।’ यह मांग भी की गयी थी कि, ‘यह प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध होनी चाहिए जिसमें संसद में तत्काल बहस और पूर्ण बजटीय प्रावधान शामिल हो। प्रश्नावली, गणना, वर्गीकरण और डेटा प्रकाशन की प्रक्रिया समावेशी और सहभागी हो।’

कार्य समिति का कहना था, ‘नवीनतम जातीय आंकड़ों का उपयोग आरक्षण, शिक्षा, रोजगार और लक्षित कल्याण नीतियों की समीक्षा और मजबूती के लिए किया जाए।’ इन मांगों का हवाला देते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी और राज्य प्रभारियों को भेजे गए परिपत्र में कहा है, ‘आप जानते हैं कि कांग्रेस के निरंतर दबाव के बाद मोदी सरकार, जो लंबे समय से इस मांग का उपहास उड़ाती रही थी और टालती रही थी- अब अंततः एक न्यायसंगत और लोकतांत्रिक जाति-आधारित गणना की मांग को स्वीकार करने के लिए बाध्य हो गई है।’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस विषय पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग दोहराई थी। राहुल गांधी इस मुद्दे पर सबसे मुखर और दृढ़ आवाज रहे हैं। उन्होंने बार-बार कहा है कि सामाजिक न्याय के लिए जातिगत गणना आवश्यक है।’ परिपत्र में कहा गया है, ‘सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी से अनुरोध किया जाता है कि वे आगामी ‘संविधान बचाओ रैलियों’ में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएं। विशेष रूप से अनुच्छेद 15(5) के त्वरित क्रियान्वयन की मांग को प्रमुखता दी जानी चाहिए।’

उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए जाएं जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करें तथा जिला स्तर पर समर्पित पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाए जो सभी गतिविधियों का समन्वय और रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विधानसभा-स्तरीय रैलियों, तथा मीडिया के माध्यम से भी इन मांगों को लोगों तक पहुंचाया जाए।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in