
कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में द नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ स्पोर्ट्स एंड एंटरप्रेन्योरशिप बिल 2025 सोमवार को पारित हो गया। इस स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का मुख्य कैंपस हुगली जिले के चुंचुड़ा में स्थापित करने का प्रस्ताव है। यह निजी क्षेत्र में अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है। विधेयक पर चर्चा शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा, उनके पास खेल विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा करने का समय नहीं है। वे विधानसभा सुरक्षा कर्मियों से लड़ने और माइक्रोफोन तोड़ने में व्यस्त हैं। शिक्षा मंत्री ने शिक्षा और खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकार और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग की आवश्यकता की वकालत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन खिलाड़ियों को बढ़ावा दे रही है जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है। उन्हें नौकरी देकर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने विधेयकों को राज्यपाल की मंजूरी मिलने में देरी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, सदन से पारित होने के बावजूद तीन विधेयक ठंडे बस्ते में पड़े हैं। पता नहीं इस विधेयक का क्या होगा। अगर केंद्र चाहता है कि यहां (बंगाल में) खेल क्षेत्र और खेल शिक्षा का विकास हो, तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस विधेयक को राजभवन की मंजूरी मिले। हुगली में विश्वविद्यालय की स्थापना के कारण के बारे में बसु ने कहा, यदि उभरते हुए खिलाड़ियों को व्यक्तिगत पहल के माध्यम से पहचाना जाता है, तो राज्य इसका समर्थन कर सकता है। याद रखें, संतोष ट्रॉफी में राज्य को गौरवान्वित करने वालों को न केवल नौकरी दी गई, बल्कि भत्ते और छात्रवृत्ति भी दी गई। मुख्यमंत्री की सक्रिय पहल की बदौलत बंगाल खेलों में अग्रणी है। विधेयक के अनुसार, विश्वविद्यालय खेल पेशेवरों और प्रशिक्षकों का एक प्रतिभा पूल बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह शारीरिक शिक्षा, खेल विज्ञान, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, कोचिंग और खेल कानून में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा और शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान करेगा।