हिन्द मोटर की जमीन पर राज्य सरकार का मालिकाना हक

हिन्द मोटर की जमीन पर राज्य सरकार का मालिकाना हक

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की हिन्दुस्तान मोटर की एसएलपी
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी वी नागरथ्ना और जस्टिस के वी विश्वनाथन के डिविजन बेंच ने हिन्दुस्तान मोटर की एसएलपी को खारिज कर दिया है। इस तरह राज्य सरकार के 395 एकड़ जमीन वापस ले जाने के फैसले पर वैधानिकता की मुहर लग गई है। हाई कोर्ट के एक सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ हिन्दुस्तान मोटर की तरफ से एसएलपी दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर छाया संशय दूर हो गया है। हिन्द मोटर को यह जमीन कई चरणों में 1946 के बाद से दी गई थी। एक विशेष उद्येश्य के लिए यह जमीन दी गई थी। राज्य सरकार की दलील थी कि जिस मकसद से यह जमीन दी गई थी अगर वह पूरा नहीं होता है तो उसे जमीन को वापस लेने का हक है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद इस जमीन को लेकर एक लंबे अर्से से चल रही कानूनी लड़ाई समाप्त हो गई। पिछले कई दशक से इस जमीन का कोई इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।


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