

रांची: गुरुवार को आयोजित ईस्टर्न जोनल काउंसिल की अहम बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ बकाया फंड को लेकर जोरदार आवाज उठाई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं मौजूद थे। बंगाल की ओर से मौजूद राज्य की वित्त मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने केंद्र से 'बैकवर्ड एरिया डेवलपमेंट फंड' योजना के तहत लंबित 2330 करोड़ रुपये की राशि जल्द से जल्द जारी करने की मांग की।
राज्य ने नदियों में गाद जमाव, बांध निर्माण, और क्षेत्रीय अवरोधों पर भी चिंता जताई
गौरतलब है कि इस योजना के तहत बंगाल के लिए केंद्र की तरफ से कुल 8750 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने बाद में योजना को बंद कर दिया, लेकिन राज्य का दावा है कि पूर्व स्वीकृति के तहत जो धनराशि अभी तक नहीं मिली है, उसे जारी किया जाना चाहिए। सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर अमित शाह ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को त्वरित समाधान के निर्देश दिए। बैठक में चार राज्यों ने भाग लिया और आपसी सहयोग, परियोजनाओं की समीक्षा और सुरक्षा मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। पश्चिम बंगाल की ओर से चंद्रिमा भट्टाचार्य ने नदियों में गाद जमाव, बांध निर्माण, और क्षेत्रीय अवरोधों पर भी चिंता जताई। पता चला है कि इस बैठक में सुरक्षा को लेकर बीएसएफ के लिए जमीन अधिग्रहण का मुद्दा भी उठा। चंद्रिमा ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जहां संभव है, वहां जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि घनी आबादी वाले इलाकों से लोगों को हटाना आसान नहीं होता, लेकिन सरकार इस दिशा में संवेदनशील होकर प्रयासरत है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने बांधों के निर्माण और विभिन्न नदियों में गाद जमा होने की समस्या पर भी चर्चा की। इस संबंध में आने वाली समस्याएं चर्चा का विषय रहीं। हालांकि राज्य सरकार को उम्मीद है कि अब केंद्र सरकार लंबित राशि के भुगतान की दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगी।