राज्य सरकार ने जारी किया नया '100-पॉइंट रोस्टर मॉडल'

सरकारी नौकरियों में पारदर्शी होगा आरक्षण
Nabanna
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कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने राज्य की सरकारी नौकरियों में नियुक्तियों के लिए एक नया और अद्यतन '100-पॉइंट रोस्टर मॉडल' अधिसूचित किया है। यह अधिसूचना श्रम विभाग की ओर से हाल ही में जारी की गयी है, जिस पर मुख्य सचिव डॉ मनोज पंत ने हस्ताक्षर किये हैं। यह नया मॉडल अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), दिव्यांग और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण को समाहित करता है, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनने की उम्मीद है।

100 से अधिक पदों की नियुक्ति पर रोस्टर मॉडल लागू होता है

अधिसूचना के मुताबिक, अब सभी सरकारी विभाग, लोक सेवा आयोग (पीएससी) और अन्य नियुक्ति एजेंसियां इसी 100-पॉइंट रोस्टर का पालन करेंगी। जानकारों के अनुसार, ओबीसी आरक्षण पर हालिया सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस और नई जातीय सूची के आलोक में इस रोस्टर का पुनर्निर्माण आवश्यक हो गया था। इससे पहले वर्ष 2011 में राज्य सरकार ने पूर्व मुख्य सचिव समर घोष की अगुवाई में एक 100-पॉइंट रोस्टर जारी किया था, जिसे बाद में ओबीसी-ए, ओबीसी-बी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए संशोधित किया गया था। वर्तमान रोस्टर में सभी श्रेणियों का समावेश कर, प्रत्येक 100 पदों में किस पद को किस वर्ग के लिए आरक्षित किया जाएगा, यह स्पष्ट कर दिया गया है। यदि 100 से अधिक पदों की नियुक्ति हो, तो यह रोस्टर मॉडल क्रमशः लागू होता है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस संबंध में पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि ओबीसी आरक्षण पर जटिलता दूर होते ही राज्य सरकार बड़ी संख्या में नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करेगी। इसी क्रम में राज्य में स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एसएससी) का गठन किया गया है और सॉल्टलेक-न्यूटाउन में उसका कार्यालय भी कार्यरत हो गया है। इस नए रोस्टर से पश्चिम बंगाल सरकार की नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता आएगी। यह अधिसूचना राज्य के लाखों नौकरी चाहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

'100-पॉइंट रोस्टर मॉडल' क्या है?

यह एक ऐसी सूची है जो तय करती है कि 100 पदों में से कौन-कौन से पद किस श्रेणी (एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांग आदि) के लिए आरक्षित होंगे। इसका पालन सभी विभागों को अनिवार्य रूप से करना होगा ताकि संवैधानिक आरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। इस नये मॉडल से यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य में सरकारी नौकरियों में नियुक्तियों की प्रक्रिया शीघ्रता से और निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ेगी। सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), ओबीसी (क्लास ए और बी), आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस), साथ ही विशेष रूप से सक्षम, छूट प्राप्त श्रेणियों (ईसी) और भूतपूर्व सैनिकों के लिए पद आरक्षित हैं। आरक्षित पदों के भीतर भी आरक्षण है। उदाहरण के लिए, अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित कुछ पद छूट प्राप्त श्रेणियों या भूतपूर्व सैनिकों के लिए भी आरक्षित हैं। कौन सा पद किसके लिए आरक्षित है और किसके लिए आरक्षित नहीं है, इसका निर्धारण रोस्टर में पद की क्रम संख्या के अनुसार किया जाता है। कुल मिलाकर सौ सूत्री रोस्टर के बिना सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी करना संभव नहीं है।

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