
कोलकाता: बकाया महंगाई भत्ते (डीए) से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनी प्रारंभिक प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था, मैं अदालती मामलों में कुछ कहना पसंद नहीं करती। जो कुछ भी करती हूं कानून के दायरे में करती हूं। बहुचर्चित डीए मामले के संबंध में मुख्यमंत्री का आत्मचिंतन सच साबित हुआ। बकाया महंगाई भत्ते के भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश में कुछ बदलाव की मांग करते हुए राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सचिवालय नवान्न के सूत्रों अनुसार, कोर्ट के आदेश में कुछ बिंदुओं को लेकर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है, जिसके लिए ‘मोडिफिकेशन पिटीशन’ (संशोधन याचिका) दाखिल की गयी है। हालांकि, राज्य सरकार ने साफ किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समय-सीमा के भीतर डीए के भुगतान की तैयारी भी कर रही है।
छह सप्ताह के भीतर 25% डीए का भुगतान करना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 16 मई को अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि राज्य सरकार छह सप्ताह के भीतर कर्मचारियों को 25% बकाया डीए का भुगतान करे। राज्य सरकार का मानना है कि इस आदेश के कुछ हिस्सों की व्याख्या स्पष्ट नहीं है, जिससे अमल में व्यावहारिक दिक्कतें आ सकती हैं। इसी वजह से कोर्ट से निर्देशों में कुछ परिवर्तन की अनुमति मांगी गई है। नवान्न के अधिकारियों ने बताया कि यह कोई पुनर्विचार याचिका (रिव्यू पिटीशन) नहीं है, बल्कि विशेष रूप से अंतरिम आदेश के कुछ हिस्सों में स्पष्टता या संशोधन की मांग की गई है। कानूनी विशेषज्ञों का भी मानना है कि कोर्ट यदि उपयुक्त समझे तो अंतरिम आदेशों में संशोधन संभव है, खासकर तब जब आदेश में व्याख्या की गुंजाइश हो। राज्य सरकार की दलील है कि 25% डीए की गणना किन वर्षों के बकाया पर आधारित होगी, इसकी अवधि क्या होगी और आधार क्या होगा। इन तमाम बिंदुओं पर अस्पष्टता है। इन्हीं सवालों का उत्तर पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से निर्देशों में स्पष्टीकरण की मांग की गयी है। फिलहाल अदालत में ग्रीष्मावकाश चल रहा है, जिससे मामले की सुनवाई अभी नहीं हो रही। लेकिन राज्य सरकार ने इस बीच डीए भुगतान की रूपरेखा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, आदेश के अनुसार तय समयसीमा में डीए देने की दिशा में राज्य प्रशासन पूरी तैयारी कर रहा है, ताकि अदालती आदेश का सम्मान सुनिश्चित हो सके।
डीए का भुगतान आखिर कब, कैसे किया जाएगा?
इस संशोधन याचिका के बाद केवल यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या बहुप्रतीक्षित महंगाई भत्ते का भुगतान निर्धारित समय के अंत तक हो पाएगा। हालांकि इस संबंध में अभी दिशा-निर्देश प्रकाशित नहीं हुए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना होगा। हालाँकि वर्ष 2009 में जब बुद्धदेव भट्टाचार्य मुख्यमंत्री थे, तब पांचवें वेतन आयोग के तहत जारी 'आरओपीए' 2019 में समाप्त हो गया था। इसलिए, राज्य सरकार के कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2008 से 31 दिसंबर 2019 तक की अवधि के लिए 141 महीने का एरियर देय है। इसके साथ ही 2009 के बाद के 10 वर्षों में नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को भी उनके कार्यकाल के आधार पर इस डीए का लाभ मिलेगा। सूत्रों के अनुसार 27 जून तक डीए का भुगतान करने की सम्भावना है।