

जितेंद्र, सन्मार्ग संवाददाता
नयी दिल्ली/कोलकाता : 32 हजार टीचरों के मामले में राज्य सरकार और एसएससी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक कैवियट दायर की गई है। यह एक एहतियाती कानूनी कार्यवाही है। इसे दायर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट दूसरे पक्ष को नोटिस दिए बगैर मामले की सुनवायी नहीं कर सकता है। सिंगल बेंच के 32 हजार टीचरों की बर्खास्तगी के आदेश को हाई कोर्ट के जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती के डिविजन बेंच ने खारिज कर दिया है।
यहां उम्मीद की जा रही है कि पीटिशनर हाई कोर्ट के डिविजन बेंच के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर सकते हैं। इस मामले में पीटिशनरों की तरफ से पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट विकास रंजन भट्टाचार्या ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जा सकती है। यहां गौरतलब है कि अनट्रेंड टीचरों की नियुक्ति और एप्टिट्यूड टेस्ट में अनियमितता किए जाने आदि का हवाला देते हुए 2023 में तत्कालीन जस्टिस अभिजीत गांगुली ने प्राइमरी की 32 हजार टीचरों की नियुक्तियों को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ डिविजन बेंच में अपील की गई थी। सुनवायी नहीं होने का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे वापस हाई कोर्ट को भेज दिया था। इसके बाद ही जस्टिस चक्रवर्ती के डिविजन बेंच में इसकी सुनवायी शुरू हुई थी।