

कोलकाता : राज्य सिविल सेवा परीक्षा (डब्ल्यूबीसीएस) अब पुराने पाठ्यक्रम और पुराने परीक्षा पैटर्न के अनुसार ही आयोजित की जाएगी। राज्य कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग की ओर से इस संबंध में बुधवार को आधिकारिक सूचना जारी की गई। सूचना के अनुसार, पहले राज्य सरकार ने दो अधिसूचनाओं के माध्यम से यूपीएससी परीक्षा के पैटर्न और पाठ्यक्रम के अनुसार डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया था, जिसमें यह कहा गया था कि वर्ष 2025 से राज्य सिविल सेवा में आईएएस या आईपीएस परीक्षा जैसे पैटर्न का पालन किया जाएगा। बुधवार को पहले के आदेश को निरस्त कर दिया गया और कहा गया कि राज्य सिविल सेवा परीक्षा पुराने पाठ्यक्रम और पैटर्न के तहत ही होगी। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि इस परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी अब बांग्ला, हिंदी, उर्दू, नेपाली और संथाली भाषा में अपनी परीक्षा दे सकते हैं।
अभ्यर्थियों को थोड़ी राहत मिल सकती है
दरअसल, पिछले दिनों घोषणा की गई थी कि पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) परीक्षा का पैटर्न वर्ष 2025 से बदल जाएगा। लोक सेवा आयोग ने इस संबंध में पहले ही अधिसूचना जारी कर दी थी। हालांकि, आयोग ने कहा था कि वर्ष 2024 में डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा में कोई बदलाव नहीं होगा। प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा पुराने पाठ्यक्रम पर आयोजित की जाएगी। लेकिन, वर्ष 2025 से लघु प्रश्नों का प्रकार बदल जाएगा। इसके बजाय, अभ्यर्थियों को यूपीएससी परीक्षा की तरह विस्तार से लिखना पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, यह घोषणा की गई थी कि वर्ष 2025 से दो पेपर होंगे। जीएस या सामान्य अध्ययन पेपर और जीएस पेपर टू। प्रत्येक पेपर के कुल अंक 200 होंगे। प्रत्येक मामले में समय सीमा दो घंटे होगी। इतना ही नहीं आयोग के अनुसार पहले के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया जाएगा। कहा जा रहा है राज्य स्कूल सेवा आयोग में वर्तमान स्थिति और इस पर उठे विवाद को देखते हुए राज्य सरकार ने इस नए पैटर्न को रद्द करने की और पुराने परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम पर निर्भर रहने की घोषणा की है, जिससे अभ्यर्थियों को थोड़ी राहत मिल सकती है।