दुर्गापूजा से पहले सम्पन्न होगी एसएससी की परीक्षा

सितंबर के दूसरे सप्ताह में आयोजित होने की सम्भावना
The examination
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कोलकाता: सितंबर के दूसरे सप्ताह में एसएससी नये पैनल की परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार यह परीक्षा दुर्गापूजा और महालया से पहले यानी 14 सितंबर तक संपन्न कर ली जाएगी। आयोग ने इससे जुड़ी अधिसूचना पहले ही जारी कर दी है और अब आवेदन प्रक्रिया के आधार पर जल्द ही परीक्षा की तिथि की घोषणा की जाएगी। एसएससी की इस परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों में खासा उत्साह है, क्योंकि लंबे समय से नयी नियुक्तियों को लेकर असमंजस बना हुआ था। अब आयोग द्वारा स्पष्ट समय सीमा निरेधारित कर दी जाने से उम्मीद है कि प्रक्रिया सुचारु रूप से आगे बढ़ेगी।

सरकार चाहती है त्योहार के दौरान कोई प्रशासनिक अड़चन न आये

राज्य सरकार के एक शीर्ष नौकरशाह के अनुसार आयोग की योजना है कि दुर्गापूजा के पहले सभी जरूरी प्रक्रियाएं जैसे एडमिट कार्ड जारी करने, परीक्षा केंद्र तय करने और समय-सारणी घोषित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएं ताकि त्योहार के दौरान कोई प्रशासनिक अड़चन न आए। अधिसूचना के अनुसार परीक्षा की तिथि अंतिम रूप से उन अभ्यर्थियों की संख्या और उनके आवेदन की स्थिति के आधार पर तय की जाएगी। आयोग की वेबसाइट पर समय-समय पर अपडेट भी जारी किया जा रहा है। आवेदन और स्क्रूटिनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग परीक्षा की अंतिम तिथि की घोषणा करेगा। परीक्षा की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों के लिए यह राहत की खबर मानी जा रही है, क्योंकि त्योहारों से पहले परीक्षा हो जाने से वे योजना के साथ आगे की तैयारी कर सकेंगे। आयोग का यह प्रयास पारदर्शिता और समयबद्ध प्रक्रिया की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

फर्जी दस्तावेजों की पहचान करने में एसएससी हुआ सक्रिय

स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के अधिकारी इस बार शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए नौकरी चाहने वालों के प्रमाण पत्रों और दस्तावेजों की जांच में अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। संगठन के एक सूत्र ने बताया कि एसएससी अधिकारियों ने नौकरी के आवेदकों का तीन-चरणीय दस्तावेज सत्यापन करने का निर्णय लिया है। दस्तावेज़ सत्यापन का पहला चरण तब होगा जब आवेदन ऑनलाइन प्राप्त होगा। दूसरी बार जब साक्षात्कार आयोजित किया जाएगा। एसएससी अधिकारी काउंसलिंग के दौरान 'दस्तावेज सत्यापन' का तीसरा चरण आयोजित करेंगे। अधिकारियों का मानना है कि तीन चरणों में सत्यापन से यह पता चल सकेगा कि नौकरी चाहने वाला व्यक्ति किसी फर्जी दस्तावेज या प्रमाण पत्र के साथ आवेदन तो नहीं कर रहा है। ऐसे में फर्जी 'जाति प्रमाण पत्र' के खिलाफ अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।

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