

कोलकाताः तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के खेल मंत्री अरूप विश्वास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अरूप विश्वास ने कोलकाता के सॉल्टलेक स्टेडियम में लियोनेल मेस्सी के कार्यक्रम के ‘‘कुप्रबंधन’’ को लेकर हाल ही में हुए विवाद के मद्देनजर अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी।
खेल और युवा कल्याण विभाग के मंत्री पद से इस्तीफे देना के बावूजद अरूप विश्वास मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में बने रहेंगे, क्योंकि उनके पास विद्युत विभाग का भी जिम्मा है। मीडिया की खबरों के मुताबिक फिलहाल मुख्यमंत्री ने खेल विभाग व युवा कल्याण विभाग अपने पास रखने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस्तीफे की बात कही
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि विश्वास ने इस्तीफे की पेशकश की है। घोष ने एक फेसबुक पोस्ट में विश्वास द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गए इस्तीफे की प्रति साझा की, जिसमें उन्होंने राज्य के खेल मंत्री के रूप में अपने दायित्वों से मुक्त करने का अनुरोध किया है।
यह घटनाक्रम 13 दिसंबर को विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (जिसे सॉल्टलेक स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है) में मेस्सी की भागीदारी वाले आयोजन के दौरान कथित कुप्रबंधन और सुरक्षा चूक को लेकर बढ़ती आलोचना और राजनीतिक विरोध के बीच आया है। मेस्सी की झलक नहीं पाने से नाराज दर्शकों ने तोड़फोड़ की थी और उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। इस दौरान स्टेडियम के फर्नीचर को लगभग दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
अरूप विश्वास का नहीं आया बयान
घोष ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘खेल मंत्री अरूप विश्वास ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर खेल विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया है।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि इस कदम का कारण मेस्सी के कार्यक्रम में उत्पन्न हुई आराजकता से उपजे विवाद को बताया गया है। हालांकि, तृणमूल नेता द्वारा साझा किया गया पत्र विश्वास के आधिकारिक लेटरहेड पर नहीं था, जिससे राजनीतिक हलकों में इसकी औपचारिक स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
विश्वास ने बार-बार इस मामले पर संपर्क करने की कोशिश की और फोन कॉल एवं संदेश भेजे गए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इस बात की तत्काल कोई पुष्टि नहीं हुई कि इस्तीफे का अनुरोध स्वीकार किया गया है या नहीं। तृणमूल के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी विश्वास ने इस मामले पर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।