

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ही उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। नदिया जिले की कालीगंज विधानसभा सीट वहां के विधायक के निधन के कारण रिक्त पड़ी है। इस सीट पर उपचुनाव कराना आवश्यक है। इसी संदर्भ में भारत निर्वाचन आयोग ने एक अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए इस सीट के लिए विशेष मतदाता सूची संशोधन की घोषणा की है। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने कालीगंज विधानसभा सीट को प्राथमिकता दी है और साल के अंत में और अगले साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं वहां यह प्रक्रिया बाद में आयोजित की जाएगी। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक नासिरुद्दीन अहमद का इस साल 1 फरवरी को निधन हो गया था, जिससे यह सीट खाली हो गई। निर्वाचन नियमों के तहत 31 जुलाई से पहले इस सीट पर उपचुनाव कराना अनिवार्य है। हालांकि, नदिया जिले में कई वरिष्ठ नागरिकों के नाम पहली बार मतदाता सूची में जोड़े जाने की शिकायतें मिलने के बाद चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को दोबारा संशोधित करने का आदेश दिया है।
पूरे राज्य में यह प्रक्रिया समयसाध्य हो सकती है, इसलिए आयोग ने कालीगंज विधानसभा के लिए विशेष समरी रिविजन का निर्णय लिया है। आयोग के निर्देशानुसार, 8 अप्रैल तक प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी और 5 मई तक अंतिम सूची जारी होगी। इसके बाद उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। गौरतलब है कि राज्य में फर्जी वोटरों को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच रोजाना वाक युद्ध की स्थिति बनी हुई है। तृणमूल कांग्रेस मतदाता सूची में फर्जी वोटरों का नाम जोड़ने का आरोप लगाते हुए राज्य भर में अभियान चला रही है। पार्टी का दावा है कि विधानसभा चुनाव से पहले अन्य राज्यों के मतदाताओं को फर्जी तरीके से मतदाता सूची में जोड़ा जा रहा है। वहीं विपक्षी पार्टियां मृत वोटरों के नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पर निशान साध रही हैं।