

दीघा : रथयात्रा की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दीघा में एक अनोखे और अप्रत्याशित अतिथि का स्वागत करने का मौका मिला। गुरुवार को जगन्नाथ मंदिर से लौटकर जब मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर चाय और नाश्ता करने के बाद टहलने निकलीं, तभी अचानक एक बंदर परिसर में आ पहुंचा जहाँ वह ठहरी थीं। हैरान करने वाली बात यह रही कि बंदर पूरी तरह शांत था और सीधा मुख्यमंत्री के पास आकर बैठ गया। सीएम ने भी मुस्कुराते हुए उसे चाय और बिस्कुट की पेशकश की, जिसे बंदर ने बड़े शांति से स्वीकार कर लिया। कुछ देर वह सीएम के पास बैठा और फिर बिना किसी उपद्रव के चुपचाप वहां से चला गया। इस घटना पर सुरक्षा कर्मी पहले सतर्क हो गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश दिया। बाद में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को यह घटना खुशी-खुशी सुनाई और बताया कि यह एक बहुत ही अद्भुत अनुभव था। इस घटना को सुनकर मौजूद लोगों ने इसे शुभ संकेत बताया। एक व्यक्ति ने कहा, यह स्वयं भगवान हनुमान जी ही थे जो रथयात्रा की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देने आए थे। उन्होंने महाभारत का उल्लेख करते हुए बताया कि अर्जुन का रथ 'कपिध्वज' कहलाता था, क्योंकि उस पर स्वयं भगवान हनुमान का ध्वज था और रथ को भगवान श्रीकृष्ण चलाते थे। मुख्यमंत्री ममता भी यह सुनकर प्रसन्न हुईं और इसे रथयात्रा से पहले एक शुभ संकेत माना।