मोदी ने भारत के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट से उठाया पर्दा

नई प्रौद्योगिकी तैयार करने के लिए ‘जेन जेड’ की सराहना की, अगले साल होगी लॉन्चिंग, 300 किलो तक के सैटेलाइट को अंतरिक्ष में ले जाएगा यह रॉकेट
Sky Route's new Infinity Campus inaugurated
भारतीय अंतरिक्ष स्टार्ट-अप स्काईरूट एयरोस्पेस के नए इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन करते प्रधानमंत्री।-
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हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-I का अनावरण किया। इस रॉकेट की ऊंचाई 26 मीटर यानी करीब 85 फीट है। रॉकेट को प्राइवेट स्पेस कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने बनाया है। इस रॉकेट को 2026 में लॉन्च किया जाएगा। यह अपने साथ 300 किग्रा सैटेलाइट ले जाने में सक्षम है। प्रधानमंत्री ने रॉकेट के अलावा कंपनी के नए इनफिनिटी कैंपस का भी उद्घाटन किया। इस कैंपस में कई लॉन्च व्हीकल के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का काम किया जाएगा। कैंपस तेलंगाना के हैदराबाद में बना है। कंपनी का हेड ऑफिस भी यहीं है। ISRO के साइंटिस्ट रह चुके पवन चंदना और भरत ने इस कंपनी की स्थापना 2018 में की थी। ये दोनों IIT से पढ़े हुए हैं।

जेन-जेड की सराहना : उन्होंने कहा कि पिछले 6 से 7 सालों में भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र बड़े बदलावों से गुजर रहा है और यह अब खुला, सहयोगी और नवाचार से प्रेरित अर्थतंत्र बन गया है। अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने से देश के युवा खासकर ‘जेन जी यूथ’ को भरपूर फायदा उठाने के अवसर मिले हैं। भारत के पास अंतरिक्ष क्षेत्र में क्षमताएं हैं और यह क्षमताएं केवल कुछ ही देश के पास हैं। हमारे पास कुशल इंजीनियर, उच्च गुणवत्ता उत्पादन अर्थतंत्र और विश्व की बेहतरीन प्रक्षेपण स्थल हैं। भारत की युवा शक्ति को नवाचार और जोखिम उठाने वाली क्षमता तथा उद्यमिता से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि इसके चलते आज विविध क्षेत्र में भारत नई बुलंदियां छू रहा है।

वैश्विक नवाचार वाले संस्थान भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। आने वाले सालों में वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था कई गुना बढ़ाने वाली है। यह भारत के युवाओं के लिए एक बड़ा मौका है। उल्लेखनीय है कि स्काई रूट भारत की अग्रणी निजी कंपनी बनकर उभरी है। इसकी स्थापना पवन चंदना और भरत ढाका ने की है। दोनों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के पूर्व छात्र और इसरो के पूर्व वैज्ञानिक हैं और अब उद्यमी बन गए हैं। नवंबर 2022 में स्काई रूट ने अपना सब ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च किया। इससे वह अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च करने वाली पहली भारतीय निजी कंपनी बन गई।

दशकों तक ‘इसरो’ ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा को दी नई उड़ान : अंतरिक्ष के क्षेत्र में कार्य करने वाली सरकारी एजेंसी ‘इसरो’ की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक संस्था ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा को नई उड़ान दी है। उसने विश्वसनीयता, क्षमता और अपने काम से हर प्रकार से भारत की अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत की अंतरिक्ष प्रतिभा दुनिया भर में एक मजबूत पहचान बना रही है।

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