KIFF 2025: सत्यजीत की ‘दुली’ लौट रही है ‘मानिक दा’ के शहर में

अपने 'गुरु' सत्यजीत रे की अनकही कहानियों को याद करेंगी सिमी ग्रेवाल
अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल
अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल
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कोलकाता: इस साल का सत्यजीत रे स्मारक व्याख्यान कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में एक बार फिर सिने प्रेमियों को महान फिल्मकार की विरासत से रूबरू कराएगा। इस आयोजन में मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल, प्रसिद्ध फिल्मकार अदूर गोपालकृष्णन, अरुण सिंह और टॉलीवुड की कई नामचीन हस्तियां शामिल होंगी।

इसी मंच से सिनेमा की विविध धाराओं पर चर्चा होगी और रे के सृजन की नयी परतें खोली जाएंगी। सिमी ग्रेवाल, जिन्होंने सत्यजीत रे की प्रसिद्ध फिल्म ‘अरण्येर दिनरात्रि’ (1970) में आदिवासी युवती ‘दुली’ की भूमिका निभाई थी, अपने गुरु की स्मृतियों में फिर लौट आई हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, 'मैंने यह फिल्म 1969 में की थी। तब नहीं जानती थी कि 56 साल बाद यह फिल्म मुझे कान फिल्म समारोह के रेड कार्पेट तक ले जाएगी। एक महान निर्देशक के साथ काम करने का असली आनंद यही है, वह आपके सामने एक नयी दुनिया खोल देता है।'

सत्यजीत रे ने ‘गूपी गाइन बाघा बाइन’ के बाद ‘अरण्येर दिनरात्रि’ बनाई थी, जो प्रसिद्ध लेखक सुनील गंगोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित थी। चार दोस्तों की आत्मखोज की यात्रा के बीच सिमी का किरदार ‘दुली’ अपनी सहजता और मौन अभिव्यक्ति से गहरी छाप छोड़ गया। इस किरदार के लिए सिमी को हर दिन तीन घंटे तक मेकअप कर अपनी त्वचा का रंग गहरा करना पड़ता था।

वह बताती हैं कि उन्होंने शूटिंग से पहले एक सप्ताह तक स्थानीय आदिवासी महिलाओं को देखा, उनके बोलने और चलने-फिरने के ढंग को अपनाया। फिल्म की शूटिंग झारखंड के पलामू जिले में हुई थी, जहां सुविधाएं बहुत कम थीं, फिर भी रे के साथ काम करने का अनुभव अद्वितीय रहा।

सिमी याद करती हैं कि रे ने न केवल उन्हें एक अभिनेत्री के रूप में नया दृष्टिकोण दिया, बल्कि बांग्ला भाषा, रवींद्र संगीत और एक पूरी सांस्कृतिक परंपरा से जोड़ा। इस साल 'किफ' में जब सिमी ग्रेवाल व्याख्यान मंच पर होंगी, तो वह केवल एक अभिनेत्री नहीं, बल्कि एक शिष्या होंगी जो अपने गुरु को श्रद्धांजलि देने लौटी हैं। एक बार फिर, ‘दुली’ लौट रही है अपने ‘मानिक दा’ के पास।

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