इच्छामती नदी से जल्द निकाली जाएगी गाद, पुनरुद्धार करने की योजना

उत्तर 24 परगना के डीएम को टेंडर जारी करने का निर्देश
इच्छामती नदी से जल्द निकाली जाएगी गाद, पुनरुद्धार करने की योजना
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मानसून के दौरान स्वरूपनगर और बशीरहाट के कई गांवों में घुस जाता है बाढ़ का पानी

उत्तर 24 परगना जिले के डीएम शरद कुमार द्विवेदी इच्छामती नदी की गाद साफ करने के लिए जल्द कदम उठाएंगे। इच्छामती नदी उत्तर 24 परगना जिले की एक महत्वपूर्ण नदी है। मानसून के दौरान बाढ़ आने से नदी के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों का जीवन तबाह हो जाता है। इसलिए इस नदी से गाद की सफाई बहुत महत्वपूर्ण है। इस​ संबंध में जिले के डीएम शरद कुमार द्विवेदी को योजना तैयार कर स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सिल्ट सफाई का काम शुरू कराने का निर्देश दिया गया है।

इस संबंध में सिंचाई मंत्री मानस भुंइया ने बताया की उन्होंने वीडियो कांफ्रेस के जरिए शरद द्विवेदी से बात की है। उनको जल्द टेंडर जारी कर नदी से बालू और मिट्टी निकालवाने का काम शुरू करवाने को कहा गया है। मानस भुंइया ने बताया कि इच्छामती नदी के साथ ही प्रदेश की लगभग 230 नदियों से माटी और बालू निकालने की योजना बनाई है। इनमें शिलवती नदी, न्यू कंसाई नदी आदि प्रमुख है। भुंइया का कहना है ​कि परियोजना के अधिकारियों को परियोजना को तेज करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में हाल ही में सिंचाई विभाग के सभी जिलों के इंजीनियरों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की गई।

बैठक में सभी जिलों को नदी से मिट्टी व बालू निकालने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इच्छामती नदी उत्तर चौबीस परगना जिले में नदिया से बागदा ब्लॉक के माध्यम से जिले में प्रवेश करती है और बनगांव, स्वरूपनगर, बदुरिया, बशीरहाट-1, हसनाबाद और हिंगलगंज से होकर दक्षिण में बहती है। यह नदी कालिंदी और कालिंदी नदियों में मिलकर रायमंगल में गिरती है। यह नदी बशीरहाट से हिंगलगंज तक बहती हुई भारत और बांग्लादेश के बीच की सीमा को चिह्नित करती है। जिले के अधिकारियों ने हाल ही में नदी की गाद को काटने के लिए स्पीड बोट से बशीरहाट से स्वरूपनगर तक इच्छामती नदी का निरीक्षण किया।

प्रखंड प्रशासन और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हर साल मानसून के दौरान स्वरूपनगर और बशीरहाट से होकर बहने वाली इच्छामती नदी अपने तटों से बाहर निकल जाती है और बांध के किनारे बसे कई गांवों में घुस जाती है। इन गांवों में बाढ़ आ जाती है। इस स्थिति में नदी किनारे के निवासियों को बरसात के मौसम में कई महीनों तक जलमग्न रहना पड़ता है। पानी में इनकी फसलें भी डूब जाती है। जिससे इनको भारी नुकसान उठाना पड़ता है। पिछले मानसून के दौरान, जब बाढ़ थी तब राज्य सरकार ने वादा किया था कि उनकी देखरेख में इच्छामती नदी का पूर्ण पुनरुद्धार किया जाएगा। उस वादे के तहत ही इस नदी की सफाई होने वाली है। नदी की गाद कैसे निकाली जाए और इसके लिए टेंडर कैसे निकाले जाएं, इस पर चर्चा की गई। मानस भुंइया का कहना है कि डीएम को जल्द से जल्द इस कार्य को करने का निर्देश दिया गया है।

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