कोलकाता: लड़की तू है बड़ी बुमबाट... ऊ लाला ऊ लाला... तू है मेरी फैंटसी... ये गाने के बोल साल 2011 में आई ‘द डर्टी पिक्चर’ से ली गई है जो सिल्क स्मिता के जीवन से प्रेरित है। वैसे तो सिल्क स्मिता के जीवन से प्रेरित कई फिल्में बनी हैं, जिनमें द डर्टी पिक्चर, क्लाइमेक्स और सिल्क स्मिता: क्वीन ऑफ द साउथ, डर्टी पिक्चर: सिल्क सक्कथ हॉट, अवल अप्पादिथन जैसी फिल्में भी शामिल हैं। अब सवाल ये कि सिल्क स्मिता आखिर कौन थी जिस पर इतनी फिल्में बनीं हैं। आखिर क्या था उनका रहस्य?
1970 के दशक के आखिर से 1990 के दशक के शुरू तक दक्षिण के फिल्मों सिल्क स्मिता का जादू लोगों के सिर चढ़ कर बोलता था। उस वक्त में सिल्क स्मिता निर्देशक व निर्माताओं के लिए बॉक्स ऑफिस पर भीड़ खींचने का एक बड़ा औजार बन गई थीं। उस वक्त के कई ऐसे सुपरस्टार थे जिनकी फिल्में भीड़ खिंचने में दम तोड़ देते थे, तब सिल्क स्मिता का एक अदद कैबरे डांस फिल्म में डाल दिया जाता था, तो वो फिल्म भी हाथों-हाथ बिक जाती थी। जैसे कि आज के जमाने में किसी फिल्म भी आइटम सॉन्ग डाल दिया जाता है। हालांकि, आज का आइटम सॉन्ग उस वक्त के कैबरे डांस से थोड़े अलग होते थे।
कौन थी सिल्क स्मिता?
सिल्क स्मिता का जन्म 2 दिसंबर, 1960 को आंध्र प्रदेश के एलुरू के पास एक तेलुगू में हुआ था। उनका बचपन में नाम विजयलक्ष्मी वडलापति था। गरीबी की वजह से उनकी पढ़ाई-लिखाई नहीं हो पाई और बचपन भी आम बच्चों की तरह नहीं रहा, वहीं खेल-कूद, पढ़ाई-लिखाई की जगह वह घर के चूल्हे-चौके में ज्यादा व्यस्त रहा करती थीं। वैसे कई रिपोर्ट ये बताते हैं कि फिल्म के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था और दिल में एक्ट्रेस बनने का ख्वाब हमेशा ही दस्तक दिया करता।
घर छोड़कर चेन्नई भाग गईं
विजयलक्ष्मी यानि सिल्क अच्छे नैन-नकक्ष के कारण सुंदर दिखती थी। जैसे-जैसे सिल्क बड़ी हो रही थी, वे अपने पास-पड़ोस सहित दूरदराज के पुरुषों के लिए वेवजह ही आकर्षण का केंद्र बनने लगीं थी। तभी उनकी मां ने एक बैलगाड़ी वाले से उनकी शादी तय कर दी। वैसे उनकी शादी तो कम उम्र में कर दी गई थी लेकिन कब की गई इसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता है। हालांकि, कई रिपोर्ट ये बताते हैं कि सिल्क की शादी जबरन की गई थी। इसलिए वो शादी से खुश नहीं थी, जबकि उनके ससुराल वाले भी उनसे अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। अपने साथ हो रहे अत्याचारों से तंग आकर एक दिन वो बिना किसी को बताए चेन्नई यानि तब के कहे जाने वाले मद्रास को भाग निकलीं थी। यहीं से शुरू होती है उनके सपनों की उड़ान।
साउथ फिल्म इंडस्ट्री में सिल्क ने अपनी शुरुआत एक मेकअप गर्ल के तौर पर की। उनका काम एक्ट्रेस के चेहरे को टचअप देने का था। कहते हैं कि सिल्क तब एक छोटी अदाकारा के घर में नौकरानी का भी काम करती थी। लेकिन, आगे बढ़ने की चाह बहुत थी।
नौकरानी का किया काम
यहां पर एक कहानी मशहूर है कि जब सिल्क उस अदाकारा के घर पर काम करती थी तब एक निर्माता बड़ी गाड़ी से उस अदाकारा के घर पहुंचता है। तब सिल्क की आंखें फटी की फटी रह जाती है, तब वो अदाकारा उसे ताना मारते हुए कहती है कि कहीं तुम भी उस कार में बैठकर सैर करने का सपना तो नहीं देखने लगी? सिल्क को ये बात अच्छी नहीं लगती और कहती है कि एक दिन जरूर वह ऐसी ही कार में बैठकर उनके घर आएगी और उनको आदाब करेंगी।
युवा विजयलक्ष्मी इतनी महत्वकांक्षी थी कि उन्हें किसी भी तरह का कंप्रोमाइज करने में कोई हिचक नहीं थी। फिल्मों में अभिनेत्रियों को मेकअप करने के दौरान कई बड़े प्रोड्यूसर और निर्देशक से उनकी दोस्ती हो गई। तभी साल 1979 में पहली बार विजयलक्ष्मी को तमिल में बनी फिल्म वंदीचक्करम में एक छोटा से किरदार मिला। जिसमें उनके किरदार का नाम ‘सिल्क’ था। इस फिल्म में उनकी अदाकारी ने दर्शकों को हिलाकर रख दिया। वो इस फिल्म में शराब की दुकान चलाने वाली एक लड़की का किरदार निभाई थी। इसमें वह निहायत मादक अंदाज में मटककर चलती हैं। तब के बड़े-बड़े निर्देशक भी इनकी इस अदा को इग्नोर नहीं कर पाए। इस फिल्म में इनकी अदा हिट हो गई और तभी से फिल्मी जगत में उनका नाम सिल्क पड़ गया।
50 हजार से ज्यादा मिलते थे पैसे
80 के दशक में सिल्क के डांस दक्षिण भारतीय फिल्मों की खुराक बनते गए। उन्होंने एक-एक गाने के लिए 50 हजार रुपये तक लेने शुरू कर दिए। इसके बाद भी फिल्म निर्माता उस रकम को हाथ में लिए उनके पास खड़े रहते थे। स्मिता फिल्मी जगत में बहुत आगे निकल गई थी। परदे पर तो शर्मो-हया का कोई नामोनिशान नहीं था। एक मलयालम फिल्म में तो वे अपने पांव के अंगूठे की मदद से अपना पेटीकोट उतार देती हैं। ये दृश्य उस जमाने में चर्चा का विषय बन गया था।
सिल्क की मौत बनी रहस्य?
सिल्क की एक तरफ खूब चर्चाएं हो रही थीं, वहीं दूसरी तरफ निजी जिंदगी में निराशा भरी थी। फिल्मी दुनिया में रहते हुए उन्हें प्यार तो हुआ लेकिन वह कभी पूरा नहीं हुआ। कहते हैं कि उन्होंने एक डॉक्टर से दूसरी शादी की थी और उसने सिल्क की कमाई के करोड़ों रुपये फिल्मों में दिए थे लेकिन सारा पैसा डूब गया। कुछ रिपोर्ट ये बताया गया है कि सिल्क ने अपनी सहेली को मौत से एक दिन पहले मिलने के लिए बुलाया था लेकिन जब वह पहुंची तब तक सब खत्म हो चुका था।
23 सितंबर, 1996 को चेन्नई के अपने अपार्टमेंट में महज 36 वर्षीय विजयलक्ष्मी उर्फ सिल्क स्मिता पंखे से लटकी हुई मिलीं थी। उनकी मौत की जांच कर रही पुलिस को इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल सके कि यह हत्या थी या आत्महत्या। वैसे फॉरेंसिक जांच में जहर की कोई बात सामने नहीं आई। तेलुगु में एक सुसाइड नोट मिला था, लेकिन उसे भी समझा नहीं जा सका था। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में ये लिखा गया था कि सिल्क ने जो नोट छोड़ा था उसमें लिखा था कि वे जिंदगी से खुश नहीं है इसलिए दुनिया को छोड़ रही हैं। सिल्क ने अपने करियर के 17 सालों में मलयालम, तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और हिन्दी भाषाओं की तकरीबन 450 फिल्मों में नजर आ चुकीं थीं।
मौत बनी मिस्ट्री?
वैसे सच तो यही है कि उसकी मौत एक मिस्ट्री बनकर रह गई। उनके मौत पर सवाल इसलिए भी उठते हैं कि जिस वक्त वो फिल्मी जगत में सबसे कामयाबी के शिखर पर थी, तब वो खुदकुशी क्यों करेंगी? उनकी कई फिल्में तो पाइप लाइन में थी। फिल्मी जगत के कुछ लोग दबी जुबान से ये भी कहते हैं कि उनके शोहरत की वजह से कई लोगों को उनसे जलन भी होने लगी थी। हालांकि, उनके मौत की सच्चाई क्या थी? ये कभी भी किसी रिपोर्ट के द्वारा सामने नहीं आ सका।