शुभांशु अब 14 जुलाई को लौटेंगे धरती पर, चार दिन आगे बढ़ा मिशन

पहले 10 जुलाई को स्पेस स्टेशन से वापसी होनी थी, तकनीकी और मौसमी कारण बने ‘रुकावट’
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नयी दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष यात्री एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को धरती पर लौटेंगे। हालांकि यह मिशन 14 दिन का था और इस हिसाब से शुक्ला की 10 जुलाई को स्पेस स्टेशन से वापसी होनी थी लेकिन अब उनकी वापसी चार दिन देरी से होगी।

देरी की अहम वजह

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस देरी के पीछे कई संभावित कारण बताये हैं। इसमें तकनीकी और मौसमी कारण भी शामिल हैं लेकिन नासा कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने वापसी में देरी का एक और प्रमुख कारण बताया है। उन्होंने कहा कि हाई बीटा पीरियड की वजह से 14 जुलाई के बाद ही क्रू वापसी कर पायेगा। उन्होंने बताया कि नासा स्टेशन प्रोग्राम पर नजर बनाए हुए हैं। हमें लगता है कि मिशन को अनडॉक करने का समय आ गया है मगर हाई बीटा पीरियड के बाद अनडॉकिंग के लिए 14 जुलाई सही टारगेट लग रहा है। गौरतलब है कि अनडॉक का मतलब है अंतरिक्ष यान स्पेस स्टेशन को छोड़ देगा। इसके बाद यान धरती पर लौट आयेगा।

हाई बीटा पीरियड क्या है

हाई बीटा पीरियड की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों के लौटने की तारीख 14 जुलाई तय की गयी है। अंतरराष्ट्रीय अंतरित्र स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद ऑर्बिटल प्लेन और सूरज के बीच जब 70 अंश से ज्यादा कोण (एंगल) बन जाता है तो उसे हाई बीटा पीरियड कहा जाता है। इस पीरियड में आईएसएस लगभग हर समय सूरज की रोशनी में रहता है। हर एक चक्कर को पूरा करते हुए ज्यादा समय सूरज की रोशनी में ही गुजरता है। इससे ओवरहीटिंग की स्थिति बन जाती है। नासा को ताप प्रबंधन (थर्मल मैनेजमेंट) करना पड़ता है।

ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस’ में धरती पर लौटेंगे अंतरिक्ष यात्री

इसके अलावा एक्सिओम-4 क्रू स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस’ में धरती पर लौटेगा, जो फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक महासागर या मैक्सिको की खाड़ी में पानी पर उतरेगा। इसके लिए अच्छा मौसम होना बहुत जरूरी है। अगर इस क्षेत्र में तेज हवाएं, बारिश या तूफान जैसी मौसमी परेशानियां हों, तो स्प्लैश डाउन सुरक्षित नहीं होगा। नासा ने बताया कि मौसम की स्थिति को देखते हुए वापसी को 14 जुलाई तक टाला जा सकता है। अगर मौसम या तकनीकी कारणों से 14 जुलाई तक वापसी नहीं हो पाती, तो नासा और स्पेसएक्स दूसरे लॉन्च विंडो का इंतजार करेंगे। क्रू को आईएसएस पर अतिरिक्त दिन बिताने पड़ सकते हैं। क्रू को पहले से ही इस तरह की स्थिति के लिए तैयार करके भेजा गया है। क्रू के पास पर्याप्त भोजन, ऑक्सीजन और अन्य संसाधन हैं। एक्सिओम-1 मिशन में भी क्रू ने खराब मौसम के कारण 17 दिन बिताये थे।

25 जून को लॉन्च किया गया था एक्सिओम-4 मिशन

एक्सिओम-4 मिशन 25 जून को फ्लोरिडा में केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 28 घंटे की यात्रा पूरी करके आईएसएस पर 26 जून को पहुंचा था। इस मिशन में शुभांशु के साथ तीन और लोग- पेगी ह्विटसन, स्लावोस उज़नान्स्की-विस्निवस्की और तिबोर कपु भी गये हैं। पूरी टीम ने इस दो सप्ताह के अवधि में धरती के 230 चक्कर लगा लिये हैं और 100 लाख किलोमीटर का सफर तय कर लिया है।

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